मध्य प्रदेश के जबलपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला कथावाचक देविका पटेल को भागवत कथा करने से सिर्फ इस वजह से रोका दिया गया कि वह ब्राह्मण नहीं हैं। साथ ही गैर ब्राह्मण कथावाचक द्वारा भागवत कथा कराने को लेकर कुछ लोगों ने अमर्यादित टिप्पणियां कीं, जिसके बाद गांव में बवाल मच गया। अब मामले में पुलिस ने इस मामले में पुलिस ने पुलिस ने कथावाचक देविका पटेल की शिकायत के बाद सात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
जानें पूरा मामला
दरअसल, पनागर थाना क्षेत्र के रैपुरा गांव में सात दिन पहले आयोजित भागवत कथा का आयोजन किया था, गांव में कथा का आयोजन रैपुरा के निवासी केवलचंद पटेल द्वारा एक सप्ताह के लिए किया गया था। इस कथा के लिए महिला कथावाचक देविका पटेल को बुलाया गया था। लेकिन यह बात गांव के ही कुछ लोगों को ठीक नहीं लगी और भागवत कथा को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कथा शुरू करने से पहले कुछ युवकों ने महिला कथावाचक को केवल इस आधार पर रोकने का प्रयास किया कि वह ब्राह्मण नहीं हैं।
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शिकायत के एक सप्ताह बाद केस दर्ज
विवाद इतना बढ़ा कि इन लोगों ने महिला कथावाचक देविका पटेल को लेकर अमर्यादित टिप्पणियां भी कीं, जिसके बाद ओबीसी और एससी-एसटी संगठनों ने नाराजगी जताते हुए विरोध जताया और पुलिस को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। अब पनागर थाना पुलिस ने मामले में एक सप्ताह के बाद रैपुरा गांव के रहने वाले 7 आरोपियों के खिलाफ धारा 296 (धार्मिक अनुष्ठान में बाधा डालना), धारा 351 (2) (धमकी देना) और धारा 3 (5) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने शिकायत के एक सप्ताह बाद केस दर्ज किया है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
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महिला कथावाचक ने पुलिस से शिकायत
पुलिस ने यह कार्रवाई कथावाचक देविका पटेल की शिकायत के बाद की है। कथावाचक देविका पटेल ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उन युवकों ने उन्हें यह कहा कि कथा वाचन केवल ब्राह्मणों का अधिकार है और अगर वह कथा करना चाहती हैं, तो उन्हें पहले किसी ब्राह्मण युवक से विवाह करना होगा। उन्होंने आगे बताया कि आरोपियों ने उनके पिता को भी धमकियां दी। इस मामले में कथावाचक ने कहा कि धर्मिक कार्य और अध्यात्म किसी की संपत्ति नहीं है। इसमें सभी का बराबर अधिकार है।
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