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Photograph: (the sootr)
PANNA.पन्ना में शुक्रवार को 6 किसानों की किस्मत पूरी तरह बदल गई। इन किसानों को एक साथ 5 हीरे मिले। इनकी कुल कीमत करीब 12 लाख रुपए बताई जा रही है।
ये हीरे न केवल किसानों के लिए बल्कि पन्ना जिले के लिए भी एक ऐतिहासिक घटना बन गए हैं। इनमें से 3 हीरे जेम्स क्वालिटी के हैं, जिनकी बाजार में विशेष मांग रखते हैं। यह खोज जिले के भमका उथली हीरा खदान क्षेत्र में शुक्रवार को हुई।
हीरे मिलने से रातों रात बदली किसानों की किस्मत
किसान बृजेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि यह उनके लिए एक सपने जैसा अनुभव है। बृजेन्द्र और उनके 5 साथी किसान विनोद ओमरे,रामकरण नायक,सूर्यभान सिंह, गुलाब सिंह,और पुष्पेन्द्र पाठक ने मिलकर हीरा खदान की जमीन का पट्टा लिया था। पिछले कुछ महीनों से वे लगातार मेहनत कर रहे थे।
आखिरकार शुक्रवार को उनकी किस्मत ने पलटी मारी। उन्हें एक साथ 5 नग हीरे मिले। बृजेन्द्र ने बताया कि वह और उनके साथी इन हीरों से मिलने वाली राशि को आपस में बांटेंगे। नीलामी से मिले रुपए से वे अपनी आर्थिक स्थिति सुधारेंगे और बच्चों की पढ़ाई में खर्च करेंगे।
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जेम्स क्वालिटी के है 3 हीरे: 5.79 कैरेट का कुल वजन
पन्ना में जो पांच हीरे मिले हैं, वो सिर्फ संख्या में ही नहीं, बल्कि क्वालिटी में भी खास हैं। हीरा पारखी अनुपम सिंह के मुताबिक, इन पांच हीरों का कुल वजन 5.79 कैरेट है। इनके अलग-अलग वजन हैं – 0.74 कैरेट, 2.29 कैरेट, 0.77 कैरेट, 1.08 कैरेट और 0.91 कैरेट।
किसानों को एक साथ मिले 5 हीरे अच्छी क्वालिटी के हैं। सबसे अहम बात ये है कि इनमें से तीन हीरे जेम्स क्वालिटी के हैं, जिनकी बाजार में हमेशा डिमांड रहती है। जेम्स क्वालिटी के हीरे सिर्फ गहनों में ही इस्तेमाल होते हैं, और ये इंडस्ट्रियल हीरे की तुलना में कहीं ज्यादा महंगे होते हैं। इन सभी हीरों को पन्ना हीरा कार्यालय में जमा करवा दिया गया है और इन्हें जल्द ही आगामी नीलामी में रखा जाएगा।
12% काटकर मिलेगी कीमत
हीरे के मिलने पर किसानों को उसे हीरा कार्यालय में जमा कराना होता है। वहां से उसकी नीलामी की जाती है, जिसमें देश भर के व्यापारी भाग लेते हैं।
नीलामी में तय की गई कीमत से 12% राशि सरकार के पास जाती है। इसमें 11% रॉयल्टी और 1% TDS शामिल होता है। नीलामी के बाद बची हुई राशि हीरा खोजने वाले किसान को दे दी जाती है।
ऐसे तय होती है हीरे की कीमत
हीरे की कीमत मुख्य तौर पर चार कारणों से तय होती है, जिन्हें 4 C’s कहा जाता है – कलर, क्लियरिटी, कट, और कैरेट (वजन)।
कलर और क्लियरिटी: जेम्स क्वालिटी के हीरों में E और D श्रेणी के हीरे सबसे अच्छे माने जाते हैं। पन्ना में अक्सर E श्रेणी के हीरे मिलते हैं, जिनकी चमक और पारदर्शिता ही उनकी कीमत को बढ़ाती है।
कट और वजन: जो हीरा अच्छे से तराशा जाता है और जिसका वजन (कैरेट) ज्यादा होता है, उसकी कीमत भी ऊँची होती है।
उपयोग: जेम्स क्वालिटी के हीरे ज्यादातर ज्वेलरी में इस्तेमाल होते हैं, जबकि इंडस्ट्रियल (ब्लैक) हीरे का इस्तेमाल ग्लास कटिंग और दूसरी व्यावसायिक गतिविधियों में होता है, और उनकी कीमत कम होती है।
पन्ना में हीरा खदान के पट्टे की प्रक्रिया
पन्ना में सरकारी जमीन पर हीरा खदान लेने के लिए सबसे पहले आवेदन करना होता है। इसके बाद पन्ना खनिज विभाग से पट्टा प्राप्त करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज देने होते हैं, जैसे तीन फोटो, आधार कार्ड की कॉपी, और 200 रुपए का बैंक चालान, जो पन्ना की SBI शाखा में जमा करना होता है। इन सभी चीजों के बाद, आपको 20 दिनों के अंदर पट्टा मिल जाता है।
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ऐसे निकलता है हीरा
हीरा खदान में हीरा खोजने की प्रक्रिया पूरी तरह से मेहनत और भाग्य का खेल है।
उत्खनन: पट्टा मिलने के बाद, ठेकेदार (तुआदार) खुद या मजदूरों की मदद से खुदाई शुरू करता है।
छंटाई: मिट्टी को छांटकर बाहर फेंक दिया जाता है।
धुलाई: पथरीली मिट्टी (ग्रेवल) को पानी से धोया जाता है।
छनाई: धोने के बाद, मिट्टी को सुखाकर उसकी छनाई की जाती है, जिसमें से हीरे (Diamonds) मिलते हैं।
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