IOC में शिकायत नहीं, MP के जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने 25 रुपए में चमका लिया मेडल

पेरिस ओलंपिक के मेडल्स का रंग फीका पड़ने की एथलीट्स की शिकायतों के बाद IOC ने मेडल्स बदलकर देने की बात कही है। लेकिन मध्य प्रदेश के खिलाड़ी कपिल परमार ने शिकायत न करते हुए अपना मेडल 25 रुपए में चमकाकर नए जैसा कर लिया है।

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Vikram Jain
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Paralympic judo player Kapil Parmar

पैरालंपिक जूडो खिलाड़ी कपिल परमार। Photograph: (the sootr)

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BHOPAL. पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics 2024) में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारत की स्टार शूटर मनु भाकर के हासिल किए हुए मेडल्स का रंग अब फीका पड़ गया। मेडल्स का कलर उतरने की शिकायत अकेली मनु भाकर ने ही नहीं बल्कि दुनियाभर में 100 से ज्यादा एथलीट्स ने की है। हालांकि खिलाड़ियों की शिकायत पर गंभीरता जताते हुए इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने कहा है कि जिन एथलीट्स के मेडल्स का रंग उड़ गया है, उन्हें मेडल्स बदलकर दिए जाएंगे। लेकिन मध्य प्रदेश के पैरालिंपिक खिलाड़ी कपिल परमार ने IOC में शिकायत न करते हुए अपना मेडल मात्र 25 रुपए में चमकाकर नए जैसा कर लिया है।

25 रुपए में लौट आई पदक की चमक

मध्य प्रदेश के सीहोर के पैरालंपिक जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में इतिहास रचते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। कपिल ने काफी संघर्षों के बाद पैरालिंपिक ब्रॉन्ज जीता जीता है। उन्हें मिला ब्रॉन्ज मेडल का रंग भी फीका पड़ गया था। पेरिस ओलंपिक के 5 महीने में मेडल की चमक उड़ने लगी थी। जिसे उन्होंने 25 रुपए में ठीक करवा लिया। और पदक की चमक लौट आई।

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कपिल परमार अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित

हाल ही में कपिल परमार को देश के प्रतिष्ठित "अर्जुन अवॉर्ड 2024" से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में कपिल को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया था। कपिल अब तक 14 इंटरनेशनल मेडल जीत चुके हैं। पैरालिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए कपिल से मुलाकात की थी।

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कपिल ने फ्रांस नहीं भेजा अपना मेडल

पैरालिंपिक खिलाड़ी कपिल परमार का अनुभव और संघर्ष वाकई प्रेरणादायक है। उनके शब्दों में साफ दिखता है कि उन्होंने कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने सपनों को साकार किया। कपिल परमार का कहना है कि समय के साथ इंसान का रंग भी उतर जाता है, ये तो केवल मेडल है। मेरे भी पदक का भी रंग उतरा है। जिसे अब चमकदार बना लिया है। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि वे दूसरे खिलाड़ियों की तरह अपना मेडल फ्रांस नहीं भेजेंगे। मैंने जीवन में बहुत संघर्ष किया है, अब पदक को एक दिन के लिए भी दूर नहीं कर सकता। काफी संघर्षों के बाद पैरालिंपिक ब्रॉन्ज जीता और मेडल को चुमकर जीत का लुत्फ लिया है। 

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25 रुपए में ठीक करवा लिया मेडल

साथ ही कपिल ने कहा कि मुझे पता है कि दुनियाभर के 100 से ज्यादा खिलाड़ी मेडल्स का कलर उड़ने की शिकायत इंटरनेशल ओलिंपिक कमेटी से कर चुके हैं। आईओसी ने भी कहा है कि खिलाड़ियों को मेडल्स बदलकर दिए जाएंगे। लेकिन मैंने अपने मेडल को लेकर शिकायत दर्ज नहीं कराई। मैनें 25 रुपए में खर्च करके मेडल को ठीक करवा लिया। उन्होंने आगे कहा कि कौन पदक को फ्रांस भेजे और सुधार होकर आने का इंतजार करे। यह पदक संघर्षों के मिला है। मैं इसे अपने आप से दूर नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि पैरालिंपिक मेडल और अर्जुन अवॉर्ड भगवान से मिलने जैसा है।

भोपाल में बाबा ने मेडल बना दिया चमकदार

उन्होंने बताया कि भोपाल में मोती मस्जिद के पास एक बुजुर्ग व्यक्ति बैठते हैं। उस व्यक्ति को मैंने अपना मेडल दिखाया था। जिसे देखकर उन्होंने इसे फिर से कलरकर चमकदार करने का दावा किया। इसके बाद बाबा ने मेडल को चमकाने के लिए 25 रुपए मांगे। लेकिन बाबा नहीं जानते थे कि ये क्या चीज है? कितनी मेहनत से इसे पाया है। जब बाबा ने मेडल को चमकदार बना दिया तो मैंने उन्हें 50 रुपए दे दिए। जिस पर बाबा ने खुशी जताई। 

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दृष्टिबाधित हैं कपिल परमार

कपिल दृष्टिबाधित हैं और करंट लगने के कारण उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। हालांकि, उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और J1 श्रेणी में दृष्टिबाधित खिलाड़ियों को सामान्य दृष्टि वाले व्यक्तियों की अपेक्षा कम दिखाई देता है। पैरालंपिक से पहले, कपिल एशियन पैरा गेम्स में सिल्वर मेडल भी जीत चुके हैं। इन दोनों खिलाड़ियों की उपलब्धियाँ न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय हैं।

बचपन में लगा था बिजली का झटका

बता दें कि कपिल परमार मध्य प्रदेश के शिवोर नाम के एक छोटे से गांव से हैं। दरअसल बचपन में परमार के साथ एक दुर्घटना हुई थी। जब वह अपने गांव के खेतों में खेल रहे थे और उन्होंने गलती से पानी के पंप को छू लिया था, जिससे उन्हें बिजली का जोरदार झटका लगा था। इसके बाद बेहोश परमार को अस्पताल ले जाया गया। झटका लगने के कारण कपिल छह महीने तक कोमा में रहे। आपको बता दें कि वह चार भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं और परमार के पिता टैक्सी चालक हैं।

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