इंदौर. एक महिला जब कुछ ठान लें तो वो उसे हर हाल में करके दिखाती है। ऐसा ही कुछ कमाल कर दिखाया है इंदौर की ज्योति भक्त ने। ज्योति ने इंदौर से ही शिक्षा प्राप्त की है और फिलहाल कुछ वर्षों से वे पुणे में रह रही है। ज्योति ने बताया कि ओमकारेश्वर से मैंने नर्मदा परिक्रमा शुरू की और इसके बाद सनावद, बड़वाह, विमलेश्वेर, मिठी तलाई से अमरकंटक और फिर ओमकारेश्वर दक्षिण तट पर हमारी परिक्रमा पूरी की और इस तरह 34 दिन में हमने 3 हजार किलो मीटर की यात्रा साइकिल से पूर्ण की। ज्योति ने बताया नर्मदा माता की परिक्रमा कई लोग साइकिल से करते हैं और मैं एक लॉन्ग डिस्टेंस साइकिलिस्ट हूं तो मैंने सोचा क्यों न साइकिल से नर्मदा माता की परिक्रमा पूरी की जाए और मैंने अपने कुछ साथियों के साथ यात्रा शुरू की।
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16 दिन में 2100 किमी. की साइकिल यात्रा
कोविड के बाद से ही मैंने साइकिल चलाना शुरू कर दी थी और लगातार लॉन्ग डिस्टेंस पर साइकिल चला रही हूं अब तक मैंने करीब 19 हजार किलो मीटर की साइकिल यात्रा की है। इसके पहले मैंने पुणे से सुंदरवन की यात्रा भी साइकिल से की है जो अब तक की सबसे बड़ी राइड रही है। ये 16 दिन में 2100 किलो मीटर की यात्रा थी। पुणे से अनेकों लॉन्ग डिस्टेंस साइकिल में कर चुकी हूं।
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इंदौर से मेरा खास लगाव
मेरी मम्मी इंदौर के ही एक निजी स्कूल में शिक्षिका थी और मेरा बचपन व स्कूलिंग भी इंदौर की है है इसलिए मैं इंदौर आती-जाती रहती हूं और इस बार भी मैंने अपनी यात्रा मं इंदौर को शामिल किया और ओमकारेश्वर की भी परिक्रमा की। पिछले एक साल में मैंने इस यात्रा की पूरी प्लानिंग की और साइकिल से जुड़ी हर टेक्निक को भी समझा। साइकिल का पंचर बनाने से लेकर रुट मेपिंग और 3 हजार किलो मीटर का शॉर्ट रुट और कहां से जाने पर हमें कौन-कौन से पुरातन मंदिरों के दर्शन किए जा सकते हैं ऐसी तमाम रिसर्च किया और फिर इस मुकाम तक पहुंच पाए।
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पूरे सफर में पांच बार पंचर हुई साइकिल
मेरी साइकिल पूरे सफर में पांच बार पंचर हुई है। ये एक बहुत ही स्पेशल साइकिल है जिसमें खाने की कीट, पंचर की कीट, टूल्स से लेकर पानी की बॉटल सब रखी जा सकती है। पेनियर में मैंने पूरा सामान रखा था और कम से कम चीजें मैंने अपनी साइकिल में रखी थी लेकिन सामान पूरा रखा। ज्योति ने बताया परिक्रमा के दौरान काफी कठिनाईयां भी हुई। पथरीली रास्ते और कई बार साइकिल को उठाकर कुछ चढ़ाई भी करना पड़ी और इस दौरान एक जगह मेरा पैर थोड़ा ट्विस्ट भी हो गया था लेकिन मैंने अपनी यात्रा को विराम नहीं दिया और यात्रा जारी रखी।
अगस्त में फिर दो बड़ी यात्रा
ज्योति ने साल 2017 में अपनी नौकरी छोड़ दी थी और तब उन्हें अपनी पसंद और नापसंद का पता लगा लगा और मैंने अपनी जिंदगी की सेकंड इनिंग में अपने लिए समय निकालने के लिए साइकिलिंग शुरू की। ज्योति ने कहा, साइकिलिंग में रिकार्ड बनाने का सोचा तो नहीं है लेकिन यात्रा जारी भी रहेगी। अगस्त माह में भी दो बड़ी साइकिल से यात्राएं करने की योजना है।
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