संजय गुप्ता. INDORE. आखिर आठ महीने के इंतजार के बाद नौ हजार से ज्यादा चयनित पटवारियों(Patwari Exam ) को अब नियुक्ति मिलने जा रही है। मप्र शासन यह नियुक्ति पत्र इसी माह लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के पहले देने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में जीएडी की उप सचिव रंजना पाटने ने विविध विभागों के एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिव के पत्र जारी कर दिया है ( Patwari Exam Result)। द सूत्र लगातार इस मुद्दे को उठा रहा था कि पटवारी की जांच रिपोर्ट क्लीन चिट होने के बाद भी नियुक्ति पर जीएडी फैसला नहीं ले रहा है, 14 जनवरी को द सूत्र ने पीएस मनीष रस्तोगी के सामने यह मुद्दा उठाया और उनसे बात की थी। इसके बाद यह पत्र जारी हुआ है। द सूत्र ने लगातार युवाओं के हक की बात दमदारी से उठाई। जांच रिपोर्ट में क्या है? इसका खुलासा भी द सूत्र ने सबसे पहले किया था, साथ ही यहां तक बता दिया था कि यह जांच रिपोर्ट 31 जनवरी से पहले पेश होने वाली है( Patwari Exam Result Valid)।
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क्या लिखा है जीएडी के पत्र में
जीएडी के पत्र में लिखा है कि- कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 व पटवारी परीक्षा के घोषित रिजल्ट के आधार पर नियुक्ति संबंधी कार्रवाई की जाए।
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पुराना रिजल्ट ही मान्य, इस पर 87 फीसदी फार्मूला नहीं
इस पत्र से और ईएसबी में उच्च स्तर पर द सूत्र द्वारा की गई अनौपचारिक चर्चा से सामने आया है कि इसके पुराने रिजल्ट जो जून में जारी हुआ था उसे ही मान्य किया गया है। अलग से नए सिरे से यानि इसमें 87 फीसदी का फार्मूला लगातार रिजल्ट जारी नहीं होगा। यानि इसमें 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के साथ ही नियुक्ति मिलेगी। यह एक बहुत बड़ी राहत है।
जनवरी में लागू किया 87 फीसदी का फार्मूला
अगस्त 2023 में हाईकोर्ट ने इस आरक्षण पर रोक लगाते हुए रिजल्ट पर रोक लगाई थी, इसके बाद जनवरी में जीएडी ने तय किया कि पीएससी की तरह ही इसमें भी रिजल्ट 87-13 फीसदी के फार्मूले से जारी किए जाएं, यानि 87 फीसदी पदों पर रिजल्ट पूरे जारी होंगे और 13 फीसदी के होल्ड होंगे, जो प्रोवीजनल रिजल्ट कहलाएंगे, यह रिजल्ट अब ओबीसी आरक्षण का मुद्दा कोर्ट से सुलझने के बाद ही जारी होंगे।
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अभी तक क्या हुआ पटवारी भर्ती में- द सूत्र लगातार दमदारी से
- पटवारी भर्ती परीक्षा मार्च-अप्रैल में हुई, इसमें 12 लाख ने आवेदन किया और 9.78 लाख ने परीक्षा दी
- जून में रिजल्ट आया
- -जुलाई में जब रिजल्ट की डिटेल आई तो पता चला कि ग्वालियर के एक ही एनआरआई सेंटर से टॉप 10 में टॉप 7 टॉपर वहीं के हैं।
- इसके बाद एक ही सरनेम वालों के चयन व दिव्यांग सर्टिफिकेट को लेकर विवाद हुआ
- जुलाई मध्य में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस राजेंद्र वर्मा की जांच कमेटी बना दी। समय 31 अगस्त तक रिपोर्ट देने का था लेकिन समय बढ़ता गया।
- द सूत्र ने मुद्दा उठाया, लगातार मुद्दा उटाने के बाद द सूत्र ने खुलासा किया कि जांच रिपोर्ट जनवरी अंत में आएगी।
- इसके बाद रिपोर्ट 30 जनवरी को सबमिट हुई और फिर द सूत्र ने 31 जनवरी खुलासा किया कि इसमें पटवारी परीक्षा को क्लीन चिट मिल गई है, अब जीएडी फैसला करेगा कि रिजल्ट पर क्या करना है।
- रिपोर्ट के 14 दिन तक भी रिजल्ट पर फैसला नहीं करने पर द सूत्र ने फिर मुद्दा दमदारी से उठाया कि 14 दिन से जीएडी केवल 74 पन्ने की रिपोर्ट पर फैसला नहीं कर पाया।
- आखिर में जीएडी ने फैसला लिया और अब तय किया गया कि पुराना रिजल्ट मान्य करते हुए चयनितों को नियुक्ति दी जाएगी।
- द सूत्र ने नियुक्ति पत्र दिए जाने के आयोजन पर भी सवाल उठाए थे कि अभी केवल दो परीक्षा के रिजल्ट आए हैं, ऐसे में अधूरा नियुक्ति आयोजन कैसे हो रहा है? द सूत्र की कोशिश है कि सभी के रिजल्ट जारी हो और सभी युवाओं को उनके हक की नौकरी मिले और नियुक्ति पत्र सभी को जल्द से जल्द दिए जाएं।