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BHOPAL. केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र हिसार(CIRB Hisar) के विज्ञानियक जल्द ही ऐसा सेंसर बनाने वाले हैं, जिससे देशभर की भैंसों की हर गतिविधि को मॉनिटर किया जाएगा। भैंस में ये सेंसर लगने( buffaloes sensors install )के बाद उनके मालिकों को तुरंत पता चल जाएगा कि उसकी कौन सी भैंस कल कम दूध देने वाली है और इसका कारण क्या है। इतना ही नहीं भैसों के बीमार होने पर भी मालिकों को पता चलेगा। किसान के मोबाइल पर ही अलर्ट आ जाएगा और उसका समाधान भी बताया जाएगा। यह सेंसर सस्ता और किसान की पहुंच वाला बनाया जाएगा(Central Buffalo Research Center Hisar)।
ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी के साथ प्रोजेक्ट पर शुरू करेगा काम
सीआईआरबी हिसार इसी साल अप्रैल महीने से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेगा। इसके लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन 15 करोड़ रुपए देगा। सेंसर सीआईआरबी के वैज्ञानिक आईआईटी रोपड़ और आस्ट्रेलिया की ऑडलेड यूनिवर्सिटी के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम करेगी। सेंसर बनने के बाद भैंस के शरीर में यह लगा दिया जाएगा। हर गांव में एक एंटिना होगा जो सीआईआरबी के सर्वर से जुड़ा रहेगा।
पहले फेज में इन भैंसों में लगेगा सेंसर
जानकारी के मुताबिक पहले फेज में मुर्रा और नीली रावी नस्ल की भैंस को सेंसर लगेगा। इसके बाद रावी नस्ल की भैंसों में ये सेंसर लगेगा। मिली जानकारी के अनुसार अभी भारत में कुल 10.9 करोड़ भैंसे है। 42.8 % मुर्रा भैंस है, जबकि 0.1 % नीली रावी भैंस है।
किस राज्य में कितनी भैंस
- यूपी- 3.3 करोड़
राजस्थान- 1.3 करोड़
गुजराज- 1 करोड़
बिहार- 77- लाख
हरियाणा- 44 लाख
पंजाब- 40 लाख