संजय गुप्ता, INDORE. पूर्व स्पीकर महाजन( former-speaker-sumitra-mahajan ) 80 साल की है और स्वस्थ है, सामाजिक सेवा के कामों में भी लगी हुई है, लेकिन इसके बाद भी उन्हें बोलना पड़ रहा है कि मैं अभी जिंदा हूं( sumitra-mahajan-statement)। यह शब्द उन्होंने इंदौर नगर निगम की परिषद बैठक में कहे, जो पहली बार नए भवन में हो रही है, जिसका हाल ही में सीएम डॉ. मोहन यादव ने उद्घाटन किया था।
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नेता प्रतिपक्ष की इस बात पर बोलना पड़ा मैं जिंदा हूं
दरअसल बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पूर्व स्पीकर और सांसद महाजन को मार्गदर्शन के लिए नए भवन में उदबोधन के लिए बुलाया था। जैसे ही वह इसके लिए खड़ी हुई तो नेत प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे और विपक्ष ने पोस्टर लहराने शुरू कर दिए और कहा कि इस सदन का नाम पहले ताई यानि सुमित्रा महाजन के नाम पर करने का था, लेकिन उनकी जगह अटल सदन किया गया, यह उनका और महिलाओं का असम्मान है। उनकी इस बात पर ताई ने कहा कि- मेरे नाम पर यह क्यों होगा, मैं तो अभी जिंदा हूं और काम कर रही है।
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यह बोली सुमित्रा महाजन
महाजन ने कहा कि मेरे सम्मान की बात मत कीजिए, उसे कोई ठेस नहीं पहुंचा सकता, इसकी हिम्मत किसी में नहीं है, इससे भी ज्यादा लोगों का प्रेम मेरे प्रति इतना ज्यादा है कि सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली कोई बात ही नहीं है। सभी जगह मुझे जो सम्मान मिला है वह अर्जित किया है। अभी मैं जिंदा हूं और अभी बहुत सारे अच्छे काम करने हैं। मेरे मरने के बाद मैं चाहतीं हूं मेरे अच्छे काम याद रखे जाएं।
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मैंने ही कहा था अटलजी के नाम पर रखा जाए
महाजन ने खुलासा किया कि मैंने ही महापौर जी को यह सलाह दी थी कि इसका नाम अटलजी के नाम पर होना चाहिए। क्योंकि सदन में जनता की बात रखी जाती है और अटली जी की बोलने की शैली के सभी कायल रहे हैं। जब मेरे नाम का प्रस्ताव आया था तो मैंने गुस्सा किया था और मैंने ही मना किया था।