मध्य प्रदेश के जिला भिण्ड से पटवारी ( Patwari missing ) का आजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव पूरे दल-बल के साथ जलभराव वाले इलाकों में निरीक्षण करने पहुंचे थे।
यहां पटवारी ने खुद आने की बजाय भाड़े पर रखे लड़कों को भेज दिया। आपको बता दें कि ये लड़के सरकारी रिकॉर्ड लेकर कलेक्टर के साथ घूमते रहे। इसके आलावा लगातार कलेक्टर को नक्शा भी दिखाते रहे।
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कलेक्टर के प्रश्न पर अधिकारियों ने साधी चुप्पी
इलाकों का निरीक्षण करने के बाद जब कलेक्टर ने कहा कि पूरा रिकॉर्ड लेकर मेरे ऑफिस आओ। भाड़े पर आए युवक ने जवाब दिया कि ये तो पटवारी बताएंगे।
कलेक्टर ने पूछा फिर तुम कौन हो तो तहसीलदार मोहनलाल शर्मा समेत सभी अधिकारियों ने चुप्पी साध ली, जबकि तहसीलदार ही इन लड़कों को कलेक्टर के साथ घुमा रहे थे।
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तहसीलदार ने रिकॉर्ड तो छीना, फिर पकड़ा दिया
इसके बाद नाराज कलेक्टर ने तहसीलदार को आदेश दिए कि इस लड़के से सरकारी रिकॉर्ड वापस लो। इस पर तहसीलदार ने कुछ देर के लिए युवक से सरकारी रिकॉर्ड ले लिया, लेकिन बाद में उसे फिर पकड़ा दिया। कलेक्टर का कहना है कि इस मामले में पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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तहसीलदार करते रहे बचाव
तहसीलदार शर्मा लगातार पटवारी का बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा कि वह लड़का तो पटवारी की बाइक चलाकर लाया होगा। जब पूछा कि पटवारी तो थे ही नहीं, तो बोले कि पटवारी आशीष त्रिपाठी साथ में ही थे। जबकि हकीकत में त्रिपाठी यहां नहीं थे।
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तहसीलदार से पूछा कि सरकारी रिकार्ड लड़कों ने कलेक्टर को कैसे दिखाया, तो बोले, सहयोग के लिए नक्शा पकड़ लिया होगा। पटवारी त्रिपाठी का पक्ष जानने का प्रयास किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।