MP News: मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में बदलाव की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इस बदलाव के तहत अब 25 वर्ष से अधिक आयु की अविवाहित बेटी, विधवा को भी परिवार पेंशन मिलने की पात्रता होगी। अभी तक परिवार पेंशन पाने के लिए 18 वर्ष तक के बेटे और 25 वर्ष तक की अविवाहित बेटी ही पात्र थीं। इस बदलाव के बाद, जब तक अविवाहित बेटी का विवाह नहीं होता, तब तक उसे पेंशन मिलती रहेगी। वहीं, विधवा और परित्याक्ता ( जिसको बिना तलाक के छोड़ा गया हो ) को जीवनभर पेंशन का लाभ मिलेगा।
जून-जुलाई तक लागू हो सकते हैं नए नियम
जून-जुलाई 2025 के बीच राज्य मंत्रिमंडल से स्वीकृति मिलने के बाद ये नए नियम प्रभावी कर दिए जाएंगे। इससे हजारों परिवारों को राहत मिलेगी, जो अब तक नियमों की सीमा के चलते पेंशन से वंचित रह जाते थे। यह निर्णय न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण होगा, बल्कि महिला सशक्तिकरण को भी बल देगा।
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कर्मचारी आयोग की अनुशंसा
सेवानिवृत्त IAS जीपी सिंघल की अध्यक्षता में बने कर्मचारी आयोग ने अविवाहित बेटियों को परिवार पेंशन की पात्रता आयु बढ़ाने की सिफारिश की थी। इसके साथ ही विधवा को भी इसमें शामिल करने की बात की थी। इस रिपोर्ट को वित्त विभाग को सौंपा गया था, और अब इसे अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। पेंशन संचालनालय ने इस रिपोर्ट पर अपना सहमति दिया है और अब वित्त विभाग इसे लागू करने की प्रक्रिया में है।
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सरकार द्वारा पेंशन नियमों में बदलाव
भारत सरकार ने 28 अप्रैल 2011 को अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में बदलाव किए थे। जिनमें 25 वर्ष से अधिक आयु की अविवाहित बेटी, विधवा को पेंशन देने की पात्रता दी गई थी। इस नियम का लाभ अब मध्य प्रदेश में भी कर्मचारियों को मिलने जा रहा है। इस कदम का मकसद उन परिवारों के आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाना है, जिनके पास दूसरे कोई संसाधन नहीं हैं और जो पेंशन से अपने जीवनयापन को सुनिश्चित करते हैं।