INDORE. इंदौर और मध्य प्रदेश के जाने माने मॉल संचालक पिंटू छाबड़ा के रेडिसन चौराहा स्थित कमर्शियल मल्टी सी21 बिजनेस पार्क की शिकायत केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह को हुई जिस पर सहकारिता विभाग रिपोर्ट मांगी गई है। इसकी जांच के दौरान संबंधितों को नोटिस जारी हो चुके हैं और संस्था के ऑडिट करने वाले अधिकारियों से भी जानकारी ली जा रही। शिकायतकर्ता से भी कई जानकारी, दस्तावेज लिए गए हैं। इन सभी को देखने के बाद गुरजीत उर्फ पिंटू छाबड़ा के बिजनेस पार्क की कई परतें खुलने लगी है। कुल मिलाकर ऑल इज वेल नहीं है।
रजिस्ट्री अलग-अलग, टुकड़ों का हुआ संयुक्तीकरण
ग्राम खजराना के सर्वे नंबर 33 की 2.75 एकड़ और सर्वे नंबर 28/2 के 1.84 एकड़ जमीन का यह मामला है। यह जमीन रेडिसन चौराहे पर स्थित होकर होटल रेडिसन के सामने है। इस पर पिंटू छाबड़ा ने सी 21 बिजनेस पार्क के नाम से हाईइराज कमर्शियल मल्टी बनाई हुई है।
- इसकी रजिस्ट्री में सामने आया है कि यह अलग-अलग भूखंड है जिसका संयुक्तीकरण करके यह मल्टी बनी है, जबकि संयुक्तीकरण मंजूर ही नहीं
- डायवर्सन का मुद्दा उठ रहा है, यह खेती की जमीन थी, यहां कमर्शियल मल्टी बनी
- संस्था तृष्णा गृह निर्माण संस्थआ की जमीन थी, जब उसने बेची उसे पात्रता ही नहीं थी, फिर भी जमीन बेची। संस्था का पंजीकरण 2018 में रद्द हो चुका है
रजिस्ट्री में इस तरह की बातें सामने आई
इस जमीन की रजिस्ट्रियां साल 2007 में हुई थी।
- एक रजिस्ट्री सर्वे नंबर 28/1 की है, जिसे महोन चुघ ने आलोक भंडारी जीएम बेलीलोन इंफ्रास्ट्रक्चर को बेचा। भूमि सेल डीड पर राजेश पिता चंपालाल सिदद के हस्ताक्षर है।
- एक रजिस्ट्री 28/2/2 और 28/3/3 की है इसमें विक्रेता चुघ हाउसिंग डेवलपर्स बताए गए हैं, वहीं खरीदने वाले आलोक भंडार बेबीलोन वाले ही है। इसमें भी सेल डीड सिद्द की ही है।
- सर्वे नंबर 28/2/4, यह जमीन नीतेश चुघ ने बेची, खरीदार आलोक भंडारी ही है। सेल डीड फिर सिद्ध की है
- रजिस्ट्री 28/3/2 की जो शिवम बिल्डर्स ने बेची और खरीदार आलोक भंडारी ही है।
- रजिस्ट्री 28/2/5 और 28/3/1 की है। इसमें विक्रेता रीना देवी पति मोहन चुघ है और खरीदार आलोक भंडारी है।
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फिर बेबीलोन और भंडारी से पिंटू कैसे आए
कंपनी के डायरेक्टशिप में बदलाव हुआ और पिंटू छाबड़ा और उनका पूरा परिवार इसमें डायेरक्टर हो गया। वह खुद अगस्त 2008 में इसमें डायरेक्टर बने, पत्नी प्रभजोत कौर साल नवंबर 2014 में, बेटी रिया सितंबर 2015 में और बेटा करण दिसंबर 2020 में डायरेक्टर बने।
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यह है शिकायत और विवाद
इस मामले में फरियादी श्रवण वर्मा ने शिकायत की है। यह जमीन तृष्णा गृह निर्माण संस्था की है। इस जमीन की खरीदी का सौदा श्रवण वर्मा, गम्मू वर्मा व अन्य ने बद्रीलाल पिता सालगराम पाटीदार व घनश्याम पाटीदार से किया था। दोनों के बीच अनुबंध हुआ था। लेकिन सौदे को तोड़कर यह जमीन चुग रियलटी को बिक गई। बाद में इस जमीन का सौदा आगे चुग ने दिल्ली की एक कंपनी को कर दिया। बाद में दिल्ली की कंपनी ने सौदा पिंटू छाबडा के ग्रुप से कर लिया। उन्होंने फिर यहां पर बिजनेस पार्क मल्टी बनाई। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जब सौदा हमसे हुआ था तो फिर यह आगे बिक नहीं सकती थी। तृष्णा सोसायटी से जमीन बिकने पर दिसंबर 2016 में स्टे हुआ था, इस मामले में दोषियों की जांच कर केस दर्ज होना था लेकिन कुछ नहीं हुआ।
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पिंटू छाबड़ा बोले नियमानुसार ही सब कुछ
पिंटू छाबड़ा का कहना है कि सी21 बिजनेस पार्क के लिए जो कृषि भूमि खरीदी थी उसका नियम अनुसार डायवर्शन करवाया है और उसके बाद ही बिल्डिंग बनाई है। हम पर जो भी झूठे आरोप लगे हैं हमारे पास उसको लेकर सारे दस्तावेज मौजूद हैं। बिना कागजी कार्रवाई के कैसे इतना बड़ा निर्माण हो सकता है। हम सारे दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए तैयार हैं। इसके पहले उन्होंने इसी मामले में जांच शुरू होने पर कहा था कि कुछ लोग लगातार इस मामले में ब्लैकमेल की कोशिश करते हुए शिकायत करते रहते हैं लेकिन इसकी कई बार जांच हो चुकी है। जब हाईराइज कमेटी ने इस प्रोजेक्ट को मंजूर किया तब भी पूरी जांच हुई थी और फिर मंजूरी मिली थी। सभी तरह की जांच नस्तीबद्ध पहले ही हो चुकी है और मल्टी 100 फीसदी सही बनी है।
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