संजय गुप्ता, INDORE. आईडीए ( IDA ) बोर्ड से राजनेताओं के जाते ही शहर के जाने-माने बिल्डर पिंटू छाबड़ा ( Pintu Chhabra ) और राजेश मेहता ( Rajesh Mehta ) को झटका लगा है। उनकी कंपनी मध्य भारत का टेंडर खारिज कर दिया गया है। सुपर कॉरिडोर पर स्टेडियम बनाने के लिए आईडीए ने टेंडर जारी किया था। इसमें केवल एक ही कंपनी मध्य भारत ने टेंडर डाला था। ये कंपनी पिंटू छाबड़ा और राजेश मेहता की है। बोर्ड बैठक में सिंगल टेंडर को मंजूरी देने का प्रस्ताव खारिज कर दिया। बैठक में प्रशासक संभागायुक्त मालसिंह के साथ कलेक्टर आशीष सिंह, प्रभारी आईडीए सीईओ गौरव बैनल व अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैनल ने बताया कि सिंगल टेंडर था और पर्याप्त प्रतिस्पर्धा नहीं थी। इसलिए तय किया गया कि फिर से इसका टेंडर जारी किया जाएगा।
तय दर से मात्र एक रुपए अधिक भरा था टेंडर
आईडीए ने स्टेडियम के लिए आरक्षित करीब 20 एकड़ जमीन 197 करोड़ रुपए तय की थी। स्पोर्ट्स हब की योजना 169 बी और 151 की यह जमीन के लिए आईडीए ने 23800 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर तय की थी। इसके लिए छाबड़ा और मेहता की कंपनी मध्य भारत ने मात्र एक रुपए अधिक भरा था और दाम 23801 रुपए प्रति वर्गमीटर भरते हुए टेंडर हासिल कर लिया था। साथ ही इसके लिए 19 करोड़ रुपए भी आईडीए को भर दिए थे। लेकिन यह टेंडर सिंगल कंपनी का होने के कारण खारिज हो गया। यदि दूसरी कंपनी भी टेंडर में आती तो जिसकी दरें ज्यादा होती उसे टेंडर मिल जाता।
आईडीए ने नक्शे में भी किया है खेल
वहीं इस मामले में एक और खेल चल रहा है। स्पोर्ट्स काम्पलेक्स की बाउंड्रीवाल व मार्ग के विकास के लिए भूमि ही नहीं है। इसके लिए आईडीए ने नक्शा पास कराने की टीएंडसीपी से कोशिश की जिसे, जनवरी 2024 में टीएडंसीपी ने एक आवेदक कमल गुप्ता की याचिका के आधार पर खारिज कर दिया। यहां सुपर कॉरिडोकर पर 24 मीटर चौड़े मार्ग का अलाइमेंट को चेंज किया गया है। इससे मौके पर कुछ प्लाट का एरिया बढ़ गया है तो कुछ का कम हो गया है। इसके चलते आईडीए चाहता है कि अन्य जमीन से मार्ग निकल कर मामला खत्म हो जाए, लेकिन इसमें याचिकाकर्ता ने टीएंडसीपी में आपत्ति लगाकर बताया कि आईडीए उनकी जमीन से यह निकालना चाहता है, लेकिन उसे जुलाई 2022 से ही हाईकोर्ट से स्टे है और उसकी जमीन पर कुछ नहीं किया जा सकता है। इसके बाद टीएंडसीपी ने 25 जनवरी को ही आदेश किया कि आईडीए सक्षम प्राधिकारी से सीमांकन कराकर गुप्ता की भूमि को छोड़कर प्राधिकरण की शेष भूमि पर तदनानुसार अभिन्यास अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करें ताकि हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं हो।
एमपीसीए को जमीन देने से मुकर गया आईडीए
यहां की जमीन पर एमपीसीए बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बनाना चाहता था और इसके लिए रियायती दर 80 करोड़ देने को तैयार था। लेकिन आईडीए ने इसे रियायती दर पर देने से इंकार कर दिया और फैसला लिया कि वह खुद इसका संचालन करेगा। इसके लिए फिर टेंडर प्रक्रिया की गई और इसमें छाबड़ा और मेहता की कंपनी को यह टेंडर मिल गया
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