पिपरिया पीजी कॉलेज में प्यून कर रहा था उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन

पिपरिया शासकीय भगत सिंह पीजी कॉलेज में एक विवादित मामला सामने आया है। जिसमें कॉलेज के प्यून पन्नालाल पठारिया का एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें वह विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करते नजर आ रहे हैं।

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Sandeep Kumar
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पिपरिया शासकीय भगत सिंह पीजी कॉलेज में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में कॉलेज के प्यून (कंप्यूटर लैब असिस्टेंट) पन्नालाल पठारिया का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में पन्नालाल विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करते हुए नजर आ रहे हैं। छात्रों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और विधायक ठाकुरदास नागवंशी को पत्र लिखकर इस घटना की जानकारी दी, जिससे यह मामला और भी तूल पकड़ गया।

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क्या है पूरा मामला?

वीडियो में पन्नालाल पठारिया, जो कि एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में कॉलेज में काम कर रहे हैं, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करते हुए दिखाई दे रहे हैं। छात्रों का कहना है कि यह अत्यंत चौंकाने वाला है कि एक प्यून विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है और गोपनीय उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद, छात्रों ने इस पर प्राचार्य राकेश वर्मा के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया। उन्होंने पन्नालाल से जुड़ी इस घोटाले की जांच करने और उचित कार्रवाई की मांग की है।

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प्राचार्य का बयान और शिकायतें

जब इस वीडियो के बारे में प्राचार्य राकेश वर्मा से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं है कि वीडियो कहां से वायरल हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि पन्नालाल ने उन्हें इस मामले की कोई शिकायत नहीं दी है। हालांकि, वीडियो में कोई आवाज नहीं है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि वास्तव में क्या हो रहा था। इस स्थिति को लेकर छात्रों ने थाने और विधायक के पास भी आवेदन दिया है, जिसमें प्राचार्य पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से गोपनीय उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करवाया।

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प्यून पन्नालाल पठारिया का बयान

पन्नालाल पठारिया ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि वह सिर्फ कंप्यूटर लैब असिस्टेंट के तौर पर काम कर रहे थे और कभी भी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं किया। उन्होंने यह भी बताया कि वीडियो पुराना प्रतीत होता है और उन्हें नहीं पता कि यह कब और किसने बनाया। उनका कहना है कि वह सार्वजनिक रूप से कार्यालयीन कार्य कर रहे थे, इसलिए यदि कुछ गलत होता तो वह इस तरह से काम नहीं करते। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस समय कोई भी कॉपी उनके द्वारा मूल्यांकित नहीं की गई है।

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क्या कहती है कॉलेज की स्थिति?

पीजी कॉलेज पिपरिया को दो साल पहले छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी का परीक्षा केंद्र बनाया गया था, जहां विद्यार्थियों की कॉपियों का मूल्यांकन क्लर्क और प्रोफेसरों द्वारा किया जाता है। सूत्रों की मानें तो पन्नालाल पठारिया का यह वीडियो उस समय का हो सकता है जब वह फाइलिंग कर रहे थे और किसी ने उसे रिकॉर्ड कर लिया।

वीडियो वायरल होते ही जांच शुरू

जब यह वीडियो वायरल हुआ, तो कॉलेज में चल रहे प्राचार्य और स्टाफ के विवादों की जांच के लिए गुरुवार को अतिरिक्त संचालक डॉ. मथुरा प्रसाद और अन्य अधिकारियों की एक टीम कॉलेज आई थी। हालांकि, यह वीडियो जांच के दौरान उनके सामने नहीं आया। जैसे ही टीम रवाना हुई, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। लीड कॉलेज प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन ने कहा कि वीडियो अभी तक उनके पास आधिकारिक रूप से नहीं आया है, और आने के बाद ही वे इस पर कुछ टिप्पणी कर सकती हैं।

 

 

 

 

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