मध्य प्रदेश में 1207 सीएनजी स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से अब तक 378 सीएनजी स्टेशन तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा, राज्य के विभिन्न हिस्सों में पाइपलाइन बिछाने का कार्य तेजी से चल रहा है। 19 लाख उपभोक्ताओं को पहले ही पाइपलाइन के माध्यम से गैस की आपूर्ति की जा रही है। अगले दो वर्षों में राज्य के 90 प्रतिशत हिस्से में यह नेटवर्क स्थापित कर दिया जाएगा।
रसोई गैस की कीमतों में कमी लाने के लिए यह कारात्मक और दूरदर्शी कदम उठायाहै। राज्य सरकार ने अगले दो वर्षों में प्रदेश के सभी 55 जिलों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) नेटवर्क स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है। इससे न केवल गैस की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि रसोई गैस के उपयोगकर्ताओं को कम खर्च में गैस मिल सकेगी।
नगर पालिका और नगर परिषदों में किया जाएगा कार्य
मध्य प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री, गोविंद सिंह राजपूत के अनुसार, राज्य के विभिन्न हिस्सों में तेजी से पाइपलाइन बिछाने का काम जारी है। इस योजना के तहत पहले नगर निगम क्षेत्रों में पीएनजी नेटवर्क तैयार किया जा रहा है, इसके बाद नगर पालिका और नगर परिषदों में यह कार्य किया जाएगा।
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पीएनजी क्या है?
पीएनजी यानी पाइप्ड नेचुरल गैस, जिसे सीधे गैस पाइपलाइन के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है। यह गैस प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त की जाती है और घरेलू उपयोग में रसोई गैस के रूप में उपलब्ध होती है। यह एक किफायती और पर्यावरण-फ्रेंडली विकल्प है, जो पारंपरिक एलपीजी सिलिंडर की तुलना में सस्ता और सुरक्षित होता है।
पीएनजी के फायदे
- -कम खर्च - पाइप्ड गैस सीधे घरों तक पहुंचती है, जिससे परिवहन, स्टोरेज और रीफिलिंग खर्चों में कमी आती है। इससे उपभोक्ताओं को गैस की रीफिलिंग पर खर्च नहीं करना होता, जिससे 200 से 800 रुपये तक की बचत हो सकती है।
- -सुरक्षित और आसान - पीएनजी का उपयोग करना अधिक सुरक्षित है क्योंकि इसमें गैस की लीक और अन्य दुर्घटनाओं का खतरा कम होता है। इसके अलावा, यह रिफिलिंग की जरूरत को समाप्त करता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधा मिलती है।
- -पर्यावरणीय लाभ - पाइप्ड गैस का उपयोग पारंपरिक ईंधन जैसे एलपीजी और कोयले की तुलना में प्रदूषण कम करता है, जो पर्यावरण के लिए एक अच्छा कदम है।
- -चीबीस घंटे सातों दिन आपूति - पाइप्ड गैस नेटवर्क से गैस की निरंतर आपूर्ति होती है, जिससे कभी भी गैस खत्म होने की चिंता नहीं रहती।
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महत्वपूर्ण कंपनियां और उनका योगदान
राज्य सरकार की इस योजना में कई प्रमुख गैस कंपनियां शामिल हैं जैसे गेल गैस नेटवर्क, इंडिया आयल कॉर्पोरेशन, अवंतिका गैस लिमिटेड, अडानी गैस लिमिटेड आदि। इन कंपनियों ने भरोसा दिलाया है कि दो वर्षों के भीतर राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में पाइपलाइन नेटवर्क स्थापित कर दिया जाएगा।
उपभोक्ताओं को होने वाला लाभ
इस विस्तार से मध्य प्रदेश के लगभग 60 लाख उपभोक्ताओं को पाइप्ड गैस कनेक्शन मिलेगा। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि उपभोक्ताओं को गैस के ट्रांसपोर्टेशन, रीफिलिंग और स्टोरेज पर खर्च नहीं करना होगा। इसके परिणामस्वरूप, उपभोक्ताओं को रसोई गैस के उपयोग में बड़ी बचत हो सकती है।
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कार्य की गति और जन जागरूकता
सरकार ने कार्य में तेजी लाने के लिए संबंधित कंपनियों को निर्देश दिए हैं और चेतावनी दी है कि जो कंपनियाँ समय पर काम नहीं कर रही हैं, उन्हें सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से इस योजना के महत्व को बढ़ाने के लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे।
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भविष्य की योजनाएं
यह योजना न केवल उपभोक्ताओं के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। पीएनजी के बढ़ते उपयोग से पारंपरिक ईंधन की आवश्यकता कम होगी, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलेगी।
मध्य प्रदेश सरकार की यह पहल राज्य के विकास और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में राज्य को और अधिक हरित और किफायती बनाएगी।
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