BHOPAL.मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ( Former Chief Minister Digvijay Singh )ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ( Union Minister Jyotiraditya Scindia ) और जनसंघ पर हमला बोला हैं...दरअसल एक दिवसीय प्रवास पर दिग्विजय सिंह शिवपुरी आए थे। इस दौरान उन्होंने होटल उदय विलास पैलेस में राहुल गांधी की न्याय यात्रा को लेकर एक कार्यकर्ता मीटिंग में शामिल हुए। इस दौरान उन्होने कहा कि यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया के पूर्वज 1857 में गद्दारी नहीं करते और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का साथ देते तो यह देश 1857 में ही आजाद हो गया होता ।
ये खबर पढ़िए...MP कांग्रेस ने 26 लोकसभा सीटों के लिए पैनल तैयार किया
बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार
वहीं दिग्विजय सिंह के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ( BJP spokesperson Narendra Saluja ) ने अपने एक्स ( twitter) से पलटवार किया है। नरेन्द्र सलूजा ने कहा है कि कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह जी की ये रोडछाप भाषा है। वो यह ना भूले कि कांग्रेस के नेताओं के पेटीकोट छाप के किस्से किसी से छिपे नहीं है। दादा - नाना की उम्र के कांग्रेस नेताओ की पेटीकोट छाप हरकते भी सभी ने देखी है और रोज़ देखते है।
ये खबर भी पढ़िए...शिवपुरी में मानव तस्करी और जिस्मफरोशी का पर्दाफाश
जनसंघ और RSS पर दिग्गी ने साधा निशाना
इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे उस समय उन्होंने गांधी जी के भारत छोड़ो आंदोलन का सहयोग न करते हुए वायसराय को पत्र लिखकर कठोर कदम उठाने के निर्देश दिए थे, ऐसे में उन्होंने आरएसएस जनसंघ को निशाना बनाते हुए पूरी तरह से प्रयास किया कि किसी न किसी तरह भाजपा को झटका दिया जाए। दिग्विजय सिंह राहुल गांधी की न्याय यात्रा को लेकर कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल हुए थे।
राम मंदिर निर्माण को लेकर क्या बोले 'दिग्गी' ?
वीओ-1 वहीं राममंदिर निर्माण को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि अधूरी मंदिर का उद्घाटन नरेंद्र मोदी, मोहन भागवत के द्वारा किया गया है। रामलला के मंदिर का उद्घाटन यदि रामनवमी के दिन होता तो यह बहुत अच्छी बात थी। इस बार इसका विरोध करने को लेकर उन्होंने कहा कि गांव गांव में यह संदेश पहुंच रहा है, कि अधूरे मंदिर का निर्माण नहीं किया जा सकता है । लेकर गांव के लोग और पढ़े-लिखे लोग तर्क वितर्क कर रहे हैं इससे साफ है कि राम मंदिर का निर्माण मोहन भागवत और मोदी द्वारा जिस तरीके से किया गया वह न्याय संगत नहीं है, और वह पूरी तरीके से गलत है।