पंडित प्रदीप मिश्रा ने गंदे पानी से कराया भोले का अभिषेक, सीवन नदी में मिले मल वाले बैक्टीरिया

सीवन नदी के गंदे पानी से पंडित प्रदीप मिश्रा ने भोलेनाथ का अभिषेक कराया। इस पानी में खतरनाक बैक्टीरिया मिले है। प्रशासन ने अब तक जिम्मेदारी तय नहीं की है।

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Sanjay Dhiman
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seevan rivar and pt mishra

Photograph: (the sootr)

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पं. प्रदीप मिश्रा ने सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं से सीवन नदी के गंदे पानी से बाबा भोले का अभिषेक कराया। इस पानी में मानव और पशु मल के बैक्टीरिया पाए गए। जांच में पता चला कि पानी में ई-कोलाई (E. coli) जैसे खतरनाक बैक्टीरिया थे, जिनकी मात्रा 1000 से अधिक थी।

सीवन नदी में मिले मल वाले बैक्टीरिया (Fecal Bacteria Found in Siwan River Water)

मीडिया समूह patrika ने कांवड़ यात्रा के बाद, सीहोर के सीवन नदी के पानी की जांच करवाई। जिसमें यह पाया गया कि इस पानी में खतरनाक बैक्टीरिया थे। लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHE) की लैब की रिपोर्ट में 14 पैरामीटर पर जांच की गई, जिसमें ई-कोलाई की अधिकता पाई गई। यह बैक्टीरिया विशेष रूप से मानव और पशु के मल से संबंधित होता है और इसका पानी पीने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

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पं. मिश्रा का अभिषेक (Pandit Mishra's Abhishek)

बता दें कि 6 अगस्त को पंडि़त प्रदीप मिश्रा(Pandit Pradeep Mishra) ने दो लाख से अधिक कांवड़ियों से इसी गंदे पानी से शिव का अभिषेक कराया। इस पानी में कई जगहों से सीवेज (sewage) का पानी मिल रहा था। इससे यह स्पष्ट होता है कि नदी में पानी का स्त्रोत इतना खराब था कि उसे आचमन के योग्य भी नहीं माना जा सकता था। इस स्थिति में धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं।

सीवन नदी का प्रदूषण (Pollution in Siwan River)

सीवन नदी अब अस्तित्व खो चुकी है, और इसमें कचरा, नालों और सीवेज का पानी मिल रहा है। यह नदी शहर के भूजल स्तर को बनाए रखने का काम करती है, लेकिन इसके पानी में सीधे सीवेज का पानी मिलना गंभीर चिंता का विषय है। नगर पालिका ने इस प्रदूषण को रोकने के लिए 25 करोड़ के प्रोजेक्ट की घोषणा की है, ताकि सीवेज का गंदा पानी नदी में न मिले।

कांवड़ यात्रा में गंदे पानी से भोलेनाथ के अभिषेक के

इस मामले को ऐसे समझें 

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गंदे पानी से अभिषेक: पं. प्रदीप मिश्रा की कांवड़ यात्रा के दौरान सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने सीवन नदी के गंदे पानी से शिव का अभिषेक किया, जिसमें खतरनाक बैक्टीरिया पाए गए।

सीवन नदी में मिले खतरनाक बैक्टीरिया: सीहोर की सीवन नदी में ई-कोलाई (E. coli) जैसे खतरनाक बैक्टीरिया पाए गए, जो मानव और पशु मल से संबंधित होते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकता है।

सीवन नदी का प्रदूषण: सीवन नदी में कचरा, नालों और सीवेज का पानी मिल रहा है, जिससे नदी की पानी की गुणवत्ता अत्यधिक खराब हो गई है और इसके प्रदूषण को रोकने के लिए नगर पालिका ने 25 करोड़ के प्रोजेक्ट की घोषणा की है।

प्रशासन की लापरवाही: कांवड़ यात्रा के दौरान भगदड़ में सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई, लेकिन प्रशासन ने किसी पर भी जिम्मेदारी तय नहीं की, और पं. मिश्रा ने माफी मांगी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सीवन नदी की सफाई के प्रयास: सीवन नदी के पुनर्निर्माण के लिए अभियान चलाए गए हैं, लेकिन अभी तक सुधार नहीं हुआ है, और स्थानीय साहित्यकारों का मानना है कि नदी की सफाई और पुनर्निर्माण जरूरी है।

प्रशासन की लापरवाही (Admin's Negligence)

कांवड़ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ में सात श्रद्धालुओं की जान चली गई, लेकिन प्रशासन ने इन घटनाओं पर कोई जिम्मेदारी तय नहीं की। पं. मिश्रा ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने किसी पर भी कार्रवाई नहीं की। यह एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि धार्मिक स्थल पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे अहम है।

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सीवन नदी के उद्धार के प्रयास (Efforts for River Revival)

हालांकि, सीवन नदी के सौंदर्यकरण और गहरीकरण के लिए कई अभियान चलाए गए हैं, लेकिन नदी की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं आया है। नगर पालिका ने सीवेज को रोकने के लिए प्रोजेक्ट शुरू किया है, लेकिन अभी तक इसका कार्यान्वयन ठप पड़ा हुआ है। स्थानीय साहित्यकारों का मानना है कि नदी की सफाई और पुनर्निर्माण बेहद जरूरी है।

FAQ

पं. मिश्रा ने क्यों गंदे पानी से अभिषेक कराया? (Why did Pandit Mishra conduct Abhishek with dirty water?)
पं. मिश्रा ने कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं से सीवन नदी के पानी से भोले का अभिषेक कराया, हालांकि यह पानी अशुद्ध था और उसमें ई-कोलाई जैसे खतरनाक बैक्टीरिया थे, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
सीवन नदी में सीवेज का पानी क्यों मिलता है? (Why does sewage water mix in Siwan River?)
सीवन नदी में कई स्थानों से शहर का सीवेज सीधे मिल रहा है, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है। यह नदी शहर के भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन प्रदूषण इसके अस्तित्व के लिए खतरा बन गया है।
क्या प्रशासन ने इस मामले पर कोई कार्रवाई की है? (Has the administration taken any action on this matter?)
कांवड़ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ में श्रद्धालुओं की जान जाने के बावजूद प्रशासन ने कोई जिम्मेदारी तय नहीं की है। पं. मिश्रा ने माफी तो मांगी, लेकिन इस मामले में प्रशासनिक लापरवाही साफ दिख रही है।



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