मध्य प्रदेश के चंबल अंचल में तेरहवीं एक महत्वपूर्ण सामाजिक आयोजन माना जाता है। यह वह समय होता है जब समाज के लोग एक साथ बैठकर इस बात पर फैसला लेते हैं कि तेरहवीं में कितनी बोरी शक्कर दी जाएगी और इसके आयोजन के लिए दूसरे जरूरी फैसले लिए जाते हैं।
परंपरा से हटकर लिया बड़ा फैसला
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर मुरैना जिले की अंबाह तहसील के निवासी हैं। उन्होंने और उनके परिवार ने अपने बड़े भाई और पूर्व नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र सिंह तोमर की तेरहवीं पर एक नई पहल के तहत समाज की प्रथाओं के विपरीत जाकर कदम उठाया है। उन्होंने पारंपरिक तरीके से तेरहवीं का कार्यक्रम न करने का फैसला लिया है। इसकी जगह, उन्होंने इस 13वीं में लगने वाले खर्च का इस्तेमाल हजीरा सिविल हॉस्पिटल में एक आईसीयू बनाने का फैसला किया है, जिसका काम 1 जनवरी 2025 से शुरू होगा।
बड़े भाई का आकस्मिक निधन
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बड़े भाई देवेंद्र सिंह तोमर फेफड़ों के संक्रमण से लंबे समय से पीड़ित थे। उनका निधन 12 दिन पहले भोपाल में इलाज के दौरान हुआ। प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि जब उनके बड़े भाई की तबियत खराब हुई, तो उन्होंने हैदराबाद से एयर एंबुलेंस की व्यवस्था करने का प्रयास किया था, लेकिन एयर एंबुलेंस की देर से आने की वजह से रास्ते में ही भाई की हालत बिगड़ गई और भोपाल में उनका निधन हो गया।
इस पहल के तहत, आईसीयू में डॉक्टरों, स्टाफ और जरूरी चिकित्सकीय उपकरणों की व्यवस्था आउटसोर्स के माध्यम से की जाएगी। इसके साथ ही वे एक-एक रुपए का जनसहयोग भी लेंगे।
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आईसीयू का होगा निर्माण
प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि चंबल अंचल में तेरहवीं पर बड़े खर्च की परंपरा है, लेकिन उनके परिवार ने इस परंपरा को बदलते हुए अपने भाई की तेरहवीं के खर्च को जनहित में लगाने का निर्णय लिया। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना महामारी के दौरान हजीरा सिविल हॉस्पिटल में आईसीयू बनाया गया था, जो अभी बंद पड़ा हुआ है। अब इस आईसीयू को फिर से चालू किया जाएगा और जनकल्याण के कार्य में लगाया जाएगा।
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