मंत्री प्रहलाद पटेल की किताब विमोचन में संघ प्रमुख डॉ. भागवत का प्रमुख संदेश- कभी बंट गए थे, उसे भी फिर से मिला लेंगे हम

इंदौर में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नर्मदा खंड सेवा संस्थान के कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर भागवत ने प्रहलाद पटेल की पुस्तक “कृपा सार” का विमोचन किया और जीवन की गूढ़ बातों पर चर्चा की।

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Sanjay Gupta
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इंदौर में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत और मुख्यमंत्री मोहन यादव नर्मदा खंड सेवा संस्थान के कार्यक्रम में शामिल हुए। भागवत ने इस अवसर पर पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल की लिखी पुस्तक “कृपा सार” का विमोचन किया। वहीं जीवन के मर्म को समझने और आगे बढ़ने के लिए गूढ़ बात रखी, साथ ही देश और दुनिया के लिए संदेश दिया।

बंटेगे नहीं, आगे बढ़ेंगे हम, जो बंटा वह भी फिर मिला लेंगे

डॉ. भागवत ने अहम बात करते हुए कहा कि इंग्लैंड ने कहा था कि हम बंट जाएंगे, हम बंटेंगे नहीं आगे बढ़ेंगे। एक बार कभी बंट गए थे, उसे भी फिर से मिला लेंगे हम। डॉ. भागवत की इस बात के गहरे अर्थ निकाले जा रहे हैं। इसे पुराने अखंड भारत से जोड़कर देखा जा रहा है। ज्ञान, कर्म, भक्ति जहां होती है वह आगे बढ़ता है। 

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यह भी बोले डॉ. भागवत- लॉजिक से दुनिया नहीं चलती

संघ प्रमुख ने कहा कि नर्मदा परिक्रमा बहुत बड़ी श्रृद्धा का विषय है। कई कर्मवीर और तर्कवीर है, हमारे देश में लेकिन दुनिया श्रृद्धा और विश्वास से चलती है। बाहर सुख नहीं ढूंढने से नहीं मिलता है। भगवान अंदर ही है।  सभी के स्वार्थ अलग-अलग है। नर्मदा मैया श्रृद्धा भाव का मामला है। हाईड्रोजन आक्साइड समझने वालों के लिए नहीं।

हमने तीन हजार सालों तक विश्व का नेतृत्व किया, कभी किसी को दबाया नहीं। हम सभी की पूजा करते हैं, जो भी पोषक होता है, चाहे वह गंगा मैय्या हो, गौ माता हो। लेकिन अब बलवान चलने की बात चल रही है, भले ही गला काटकर। लेकिन दुसरों को दुख देना पाप है, धर्म किसी को दुख नहीं देता है। लॉजिक से दुनिया नहीं चलती है। धर्म किसी को दुख नहीं देता। 

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मंत्री पटेल ने यह कहा

पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि उन्होंने अपनी पुस्तक को छपने से पहले मना कर दिया था, क्योंकि उनका मकसद नर्मदा को बेचना नहीं था। उन्होंने कहा कि पिछले 30 वर्षों में मुझे दो मौके मिले। 2005 में जब मैंने फिर से यात्रा की और उसके बाद मैं केंद्र में संस्कृति मंत्री बना, तब मेरे मित्रों ने कहा कि इसे अब छपने दो।

मेरे पास 72 घंटे की नर्मदा यात्रा और किनारे की वीडियो मौजूद थी।  पटेल ने कहा कि “नर्मदा हमारी माता है, नदियां हमारी विरासत है, ये हमारा जीवन है, हम संकल्प लेकर जाए। इस पुस्तक का विमोचन सिर्फ विमोचन नहीं है, इसकी एक-एक पाई गौसेवा में लगेगा और परिक्रमा वासी के लिए लगेगा।

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स्वामी ईश्वरानंद ने यह दी सीख

स्वामी ईश्वरनंद ने नर्मदा परिक्रमा को लेकर कहा कि परिक्रमा में जल, वायु, अग्नि, आकाश और यहां तक कि शरीर का खून भी शामिल होकर एक दिव्य अनुभव प्रदान करता है। परिक्रमा केवल यात्रा नहीं, बल्कि जीवन और प्रकृति के साथ आत्मिक जुड़ाव का प्रतीक है। उन्होंने कहा की राजनीति में ऊपर उठने के लिए भी परिक्रमा करनी पड़ती है।

कार्यक्रम में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, मंत्री विश्वास सारंग, राकेश शुक्ला, चैतन्य काश्यप, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री तुलसीराम सिलावट, मेयर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक गोलू शुक्ला सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि और शहीद परिवार पहले ही मौजूद हैं। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी कार्यक्रम में मौजूद हैं।

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