प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2025 में अब आवेदन के समय अनुभव प्रमाण पत्र देना नहीं होगा जरूरी

मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों को जबलपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2025 के लिए अनुभव प्रमाण पत्र के आवेदन में छूट दी। अब गेस्ट टीचर्स को यह प्रमाण पत्र काउंसलिंग के दौरान प्रस्तुत करना होगा।

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Neel Tiwari
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MP के हजारों अतिथि शिक्षकों को जबलपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाइकोर्ट के जस्टिस एम. एस. भट्टी की सिंगल बेंच ने प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2025 में आवेदन प्रक्रिया को लेकर ऐसा आदेश दिया, जिसने गेस्ट टीचर्स की चिंता को खत्म कर दिया है। 

कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब पात्र गेस्ट टीचर्स को आवेदन करते समय अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड करने की अनिवार्यता नहीं होगी। इसके बजाय, यह दस्तावेज पहले की तरह दस्तावेज सत्यापन (काउंसलिंग) के समय ही प्रस्तुत करना होगा।

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नए नियम ने खड़ी की समस्या

साल 2018 और 2023 की प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र (200 दिन या 3 सत्र की सेवा) केवल काउंसलिंग के समय मांगा जाता था। 

इससे उम्मीदवारों को पर्याप्त समय मिल जाता था कि वे प्राचार्य या संबंधित अधिकारियों से दस्तावेज़ जारी करा सकें। लेकिन, 2025 की माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा (primary teacher recruitment) के लिए मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ESB) ने नया नियम लागू कर दिया कि अब आवेदन पत्र भरते समय ही अनुभव प्रमाण पत्र स्कैन कर अपलोड करना जरूरी होगा।

यह बदलाव अचानक लागू होने से कई जिलों में समय पर प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पाए। जिन शिक्षकों ने वर्षों की सेवा की थी, वे भी इस तकनीकी अड़चन के कारण आवेदन करने से वंचित हो गए है।

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गेस्ट टीचर्स ने ली हाईकोर्ट की शरण

सिवनी निवासी सपना सोनी, सुनीता कटरे, कृष्णकांत शर्मा और अन्य ने इस नियम को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उनकी ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी ने तर्क दिया कि रूल बुक की धारा 12(6) के मुताबिक, पात्रता और शैक्षणिक योग्यता से जुड़े दस्तावेज आवेदन के समय नहीं, बल्कि दस्तावेज सत्यापन के दौरान प्रस्तुत किए जा सकते हैं। 

इसके साथ ही मध्यप्रदेश स्कूल एजुकेशन सर्विसेज (टीचिंग कैडर) सर्विस कंडीशंस एंड रिक्रूटमेंट रूल्स, 2018 में कहीं भी यह प्रावधान नहीं है कि अनुभव प्रमाण पत्र आवेदन के समय ही अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाए। 

अधिवक्ता धीरज तिवारी ने कोर्ट को बताया कि पूर्व की भर्ती प्रक्रियाओं में यह प्रमाण पत्र काउंसलिंग के समय मांगा जाता था, इसलिए अचानक लागू किया गया नया नियम मनमाना और भेदभावपूर्ण है। 

इसके साथ ही इस नए नियम को संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 का उल्लंघन करने वाला भी बताया गया। क्योंकि इससे योग्य उम्मीदवारों को बिना किसी गलती के भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है।

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एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों को स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2025 (prathmik shikshak bharti 2025) की भर्ती प्रक्रिया याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी। 

इसके साथ ही पात्र अतिथि शिक्षक बिना अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड किए भी आवेदन कर सकेंगे। चयनित अभ्यर्थियों को यह प्रमाण पत्र पहले की तरह दस्तावेज सत्यापन (काउंसलिंग) के समय प्रस्तुत करना होगा।

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गेस्ट टीचर्स में खुशी की लहर

यह फैसला प्रदेशभर में हजारों गेस्ट टीचर्स के लिए राहत की सांस लेकर आया है। वे लंबे समय से इस चिंता में थे कि सालों के अनुभव के बावजूद सिर्फ तकनीकी कारणों से उनका भविष्य अंधकार में न चला जाए। अब अदालत के इस आदेश के बाद, उन्हें फिर से प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2025 में भाग लेने का पूरा मौका मिलेगा।

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