CM से न मिलने तक बंद रहेंगे प्राइवेट स्कूल, जबलपुर DEO से जांच रोकने की भी अपील

निजी स्कूलों ने जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी एनके चौकसे से सीएम मोहन यादव से मिलने तक जांच और कार्यवाही को रोकने का आग्रह किया है। इसके साथ ही अपनी मांगें भी सामने रखी हैं...

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Deeksha Nandini Mehra
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Jabalpur School Fees Hike : जबलपुर में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर प्राइवेट स्कूलों ने प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। इसको लेकर प्राइवेट स्कूल प्रबंधन (जिला संगठन) ने जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी एनके चौकसे को पत्र लिखा है। 

पत्र में जिला शिक्षा अधिकारी एनके चौकसे से सीएम मोहन यादव से मिलने तक सभी तरह की जांचों और कार्यवाही को रोकने का आग्रह किया है। इसके साथ ही अपने मांगें भी सामने रखी हैं।

पत्र में कहा गया कि प्रदेश स्तर पर जो कार्यवाही हो रही है, वह अत्यंत निंदनीय है। कृपया सर्वप्रथम इन जांच को विराम दें। 

अनिश्चितकालीन तक स्कूल बंद

पत्र में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के स्कूल अनिश्चितकालीन तक बंद रहेंगे। हम कोई भी विभागीय कार्य नहीं करेंगे। किसी भी जांच में सहयोग नहीं करेंगे और कोई भी शिक्षण कार्य नहीं करेंगे। पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव प्राइवेट स्कूलों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से 30 जून के पहले मिलकर हमारे पक्ष को सुनने की कृपा करें। उसके बाद आपके सभी आदेशों का पालन होगा। 

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ये हैं मांगें

  • सर्वप्रथम मुख्यमंत्री 30 जून के पहले आप 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर हमें कृतार्थ करें।
  • फीस अधिनियम का हम पालन करेंगे, लेकिन इसके लिए हमें लगभग 12 माह का समय और सभी स्कूल संचालकों को विधिवत प्रशिक्षण आवश्यक है। साथ ही वित्तीय जानकारी इस वर्ष से अथवा दो वर्ष तक की पोर्टल पर दर्ज की जावे।
  • सरकार सभी कक्षाओं में एनसीईआरटी का एक समान सिलेबस लागू करे, जिससे डुप्लीकेट और कमीशनखोरी में विराम लगेगा।
  • प्राइवेट स्कूलों की यूनिफार्म के लिए 4 से 5 डिजाइन का कपड़ा स्वतंत्र मार्केट में स्वीकृत किया जाए, जिससे यूनिफार्म की समस्या समाप्त हो और आसानी से ड्रेस और कपड़ा मार्केट में उपलब्ध हो सके।
  • सत्र 2022- 23 एवं 2023-24 दोनों सत्रों की आरटीई राशि एक साथ 15 जुलाई 2024 तक दिलाने की कृपा करें।
  • साथ ही हर वर्ष 31 मार्च की समाप्ति के 90 दिनों के भीतर फीस प्रतिपूर्ति करवाई जाए।
  • कक्षा 1 से 12 में मान्यता नियम से रजिस्टर्ड किरायानामा हटाकर नोटरीकृत को प्राथमिकता दी जाए।
  • 5 साल से अधिक संचालित स्कूलों को स्थायी मान्यता प्रदान की जाए और सभी शुल्क समाप्त कर प्रत्येक 5 साल में केवल नवीनीकरण शुल्क लिया जाए।
  • विभाग, प्रशासन एवं शासन का रवैया सहयोगात्मक हो, न कि दमनकारी।

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