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Photograph: (THESOOTR)
BHOPAL. निजी विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक और कर्मचारियों की शिकायतों की सुनवाई अब मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग करेगा। मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने इसके लिए आयोग को अधिकृत किया है।
इस संबंध में आयोग को निजी विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों तक इसकी प्रक्रिया के प्रचार- प्रसार की जिम्मेदारी भी सौंपी है। आयोग न केवल प्राध्यापकों और कर्मचारियों की सेवा संबंधी शिकायतों की सुनवाई कर उनका निराकरण करेगा, बल्कि इसका डेटा भी रखेगा।
अब शिकायत के लिए मिलेगा मंच
मध्य प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय और कॉलेजों में कार्यरत प्राध्यापक और कर्मचारियों को संस्था संबंधी शिकायतों के लिए कोई मंच उपलब्ध नहीं था। इस वजह से अकसर निजी विश्वविद्यालय और कॉलेजों से संबंधित कर्मचारी अपनी शिकायतों को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के चक्कर लगाने मजबूर थे।
दूसरे कामों की व्यस्तता के चलते उनकी शिकायतों पर समय सीमा में कार्रवाई सुनिश्चित नहीं हो पा रही थी। इस स्थिति को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने अब व्यवस्था में बदलाव किया है।
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निजी विश्वविद्यालय नहीं कर पाएंगे अनसुनी
उच्च शिक्षा विभाग ने मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग को निजी विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों के हितों के संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपी है।
अब प्राध्यापक और कर्मचारी निजी विश्वविद्यालयों द्वारा सेवा शर्तों और नियमों की अनदेखी करने की शिकायत आयोग से कर पाएंगे। इसके लिए आयोग स्थापना एवं संचालन संबंधी अधिनियम 2007 की धारा 26(1) एफ के दिए प्रावधान के तहत उनकी शिकायतों का समाधान करेगा।
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विनियामक आयोग के पास आखिरी सुनवाई का दायित्व
उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी द्वारा पत्र जारी कर निजी विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों-कर्मचारियों तक इस प्रक्रिया की जानकारी पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं इसके लिए निजी विश्वविद्यालयों में शिकायत निवारण प्रणाली, नोडल अधिकारी और समिति के प्रचार-प्रसार के लिए भी कहा गया है।
कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली इन शिकायतों का समयबद्ध निराकरण भी सुनिश्चित करना होगा वहीं विश्वविद्यालय स्तर पर समाधान न होने पर इन शिकायतों को आयोग के समक्ष रखा जाएगा।
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