प्रस्तावित फ्लाईओवर के लिए लखन घनघोरिया ने लगाई PIL, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

जबलपुर में अंबेडकर चौक फ्लाईओवर निर्माण को लेकर कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। कोर्ट ने केंद्र सरकार से फंड आवंटन का जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 6 जून के बाद होगी।

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Neel Tiwari
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Photograph: (the sootr)

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JABALPUR. जबलपुर में अंबेडकर चौक से प्रस्तावित फ्लाईओवर का काम  शुरू करवाने के लिए कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की है।

जबलपुर में भारी ट्रैफिक के दबाव से निजात दिलाने के लिए अंबेडकर चौक से अब्दुल हमीद चौक तक फ्लाईओवर प्रस्तावित किया गया था। पहले यह फ्लावर 3.2 किलोमीटर के लिए प्रस्तावित था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 5.1 का प्रस्ताव तैयार किया गया। जिसके बाद फंड की कमी के चलते यह फ्लाईओवर का निर्माणकार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया है।

2020 और 2022 के सर्वेक्षण में आया करोड़ का अंतर 

इस फ्लाईओवर के निर्माण के लिए साल 2020 में किए गए सर्वेक्षण के बाद जो बजट प्रस्ताव बनाया गया था वह 186 करोड रुपए का था। इसके बाद साल 2022 में 5.01 किलोमीटर तक की लबाई बढ़ाते हुए जब दोबारा प्रस्ताव बनाया गया तो वह प्रस्ताव 269 करोड रुपए का था।

इस निर्माण कार्य में हो रही देरी के लिए कांग्रेस के विधायक लखन घनघोरिया ने कई बार विरोध दिखाते हुए संकल्प पदयात्रा तक की थी, यह मामला सदन में भी उठाया गया था  लेकिन उसके बाद भी इस फ्लाईओवर का निर्माण शुरू ना होने के बाद अब उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी है जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

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सरकार ने बताया याचिका को राजनीति से प्रेरित 

हाईकोर्ट में सरकार की ओर से अधिवक्ता ने इस याचिका का विरोध करते हुए यह कहा कि याचिकाकर्ता लखन घनघोरिया कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं और यह याचिका राजनीति से प्रेरित है।

सरकार की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि जबलपुर से ही पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह भी हैं और शहर में कई फ्लाईओवर बनाए जा चुके हैं। ऐसी स्थिति में इस याचिका की सुनवाई नहीं होनी चाहिए हालांकि कोर्ट ने इस तर्क को सिरे से नकार दिया। 

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब 

शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिविजनल बेंच में हुई। सरकार की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस फ्लाईओवर के लिए बजट का प्रस्ताव दिसंबर 2024 में ही केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। इस पर बजट का आवंटन होते ही यह निर्माण शुरू होगा।

इसके बाद याचिकाकर्ता के निवेदन पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस याचिका में प्रतिवादी बनाया जिसका विरोध सरकारी अधिवक्ता के द्वारा किया गया और उन्होंने कहा कि इसका निर्माण राज्य सरकार जल्द शुरू करेगी। हाईकोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में  सरकार से पूछा कि आप हमें यह बताएं कि क्या आपके पास फंड हैं जो आप यह निर्माण कर सकेंगे या आपको केंद्र सरकार से फंड लेने हैं ?

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सरकारी अधिवक्ता ने इस बात पर हामी भरी कि हमें केंद्र सरकार से फंड लेने है। इसके बाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए यह जवाब मांगा है कि राज्य सरकार के द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन पर केंद्र सरकार ने क्या फैसला लिया है इसका जवाब अगली सुनवाई में दें।

इस मामले की सुनवाई 6 जून के बाद वाले हफ्ते में तुरंत नियत करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिया है जिसमें इस फ्लाईओवर के लिए आवंटित होने वाले बजट के प्रस्ताव पर विचार कर केंद्र सरकार को जवाब देना होगा।

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