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मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है, और इस दिन भोपाल और अन्य शहरों में पतंगबाजी की जाती है। रेलवे ट्रैक के पास पतंग उड़ाने से कई लोग हर साल दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। इन्हीं हादसों को रोकने के लिए रेलवे ने एक एडवाइजरी जारी की है।
भोपाल मंडल में अधिकतर रेलवे ट्रैक पर अब इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलती हैं। ट्रैक के ऊपर 25 हजार वोल्ट की बिजली के तार होते हैं। अगर पतंग की डोर इन तारों से छू जाती है, तो उसमें तेज करंट लग सकता है, जो बेहद खतरनाक हो सकता है।
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रेलवे ने चेतावनी दी है कि अगर पतंग का मांझा धातु से बना हो, तो वह विद्युत लाइन में करंट का प्रवाह बढ़ा सकता है। यह करंट काफी तेज होता है और इससे गंभीर झटका लग सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। साथ ही, अगर किसी की नजर इधर-उधर होती है तो ट्रेन के पास से गुजरते समय हादसा हो सकता है।
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रेलवे प्रशासन ने अपील की है कि लोग पतंगबाजी के दौरान रेलवे ट्रैक और रेलवे परिसरों से दूर रहें, ताकि कोई हादसा न हो। जुर्माने और सजा का प्रावधान रेलवे ट्रैक पर अनधिकृत तरीके से जाने को अपराध माना जाता है।
भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 147 के तहत ऐसा करना जुर्म है, जिसके लिए 1000 रुपये तक जुर्माना या 6 महीने की जेल की सजा हो सकती है।
संक्रांति पर्व के दौरान रेलवे सुरक्षा बल और संरक्षा विभाग अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करेगा और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसलिए, इस पर्व पर सुरक्षित तरीके से पतंगबाजी करें और रेलवे ट्रैक से दूर रहें।