राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में गिरी सरकारी स्कूल की छत, छात्रों की किस्मत ने बचाई जानें!

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने का मामला सामने आया है। यह घटना राजस्थान के झालावाड़ में हुए एक समान हादसे की याद दिलाती है।

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Amresh Kushwaha
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मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में शनिवार को राजस्थान के झलावाड़ जैसा बड़ा हादसा होते-होते रह गया। जिले के सरकारी प्राथमिक स्कूल की छत का एक बड़ा हिस्सा अचानक गिर पड़ा। इस समय स्कूल में बच्चे और शिक्षक मौजूद थे। बच्चों की चपलता ने उनकी जान बचाई। बच्चे इधर-उधर दौड़ रहे थे, जिससे कोई गंभीर घटना नहीं घटी। गनीमत रही कि इस घटना में किसी को गंभीर चोट नहीं आई।

जानें क्या है पूरा मामला...

जिले के बोडरी ग्राम पंचायत स्थित सरकारी प्राथमिक स्कूल सेहराटोला की छत का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। घटना के दौरान कक्षा में बच्चे और शिक्षक मौजूद थे। जैसे ही यह हादसा हुआ, बच्चे घबराकर इधर-उधर भागने लगे। हालांकि, समय रहते सभी बच्चे सुरक्षित बाहर निकल गए और किसी को भी गंभीर चोट नहीं आई।

यह स्कूल भवन 1999-2000 में बना था और लगभग 25 साल पुराना हो चुका था। वर्तमान में इस विद्यालय में कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक के 33 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।

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MP में गिरी सरकारी स्कूल की छत मामले पर एक नजर...

  • मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के सरकारी स्कूल की छत का एक बड़ा हिस्सा गिर गया, लेकिन बच्चों की किस्मत से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। घटना में किसी को गंभीर चोट नहीं आई।

  • स्कूल भवन 1999-2000 में बना था और 25 साल पुराना हो चुका था। पिछले साल छत की मरम्मत की गई थी, लेकिन फिर भी स्थिति जर्जर बनी रही।

  • शिक्षकों ने पिछले साल ही चेतावनी दी थी कि भवन सुरक्षित नहीं है, लेकिन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए।

  • बारिश के मौसम में भवन की स्थिति और खराब हो सकती है, जिससे बच्चों और अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है।

  • शहडोल जिले में कई स्कूलों के भवन जर्जर हो चुके हैं, और इनकी मरम्मत या पुनर्निर्माण नहीं हुआ है, जो भविष्य में बड़े हादसों का कारण बन सकता है।

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पिछले साल ही हुई थी स्कूल की मरम्मत

यह विद्यालय भवन जर्जर स्थिति में था और पिछले साल शिक्षकों ने इसकी छत में आई दरारों की मरम्मत कराई थी। इसके अलावा, शिक्षकों ने विभागीय अधिकारियों को लिखित रूप से चेतावनी दी थी कि इस भवन से कभी भी कोई हादसा हो सकता है। लेकिन इसके बावजूद, न तो कोई ठोस मरम्मत कार्य हुआ और न ही भवन के पुनर्निर्माण के लिए कोई कदम उठाए गए।

स्कूल के शिक्षक अमर पटेल ने कहा कि, हमने पिछले साल ही चेतावनी दी थी कि यह भवन सुरक्षित नहीं है। हमें उम्मीद थी कि विभाग इस पर ध्यान देगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस घटना के बाद बच्चों के माता-पिता भी चिंतित हैं।

गार्जियन ने भी जताई चिंता

वर्तमान में मध्य प्रदेश में बारिश का मौसम चल रहा है, और ऐसे में भवन की स्थिति और भी खराब हो सकती है। एक अभिभावक ने कहा, हम अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। स्कूल प्रशासन को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।

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अधिकारी उठाएंगे जरूरी कदम

इस घटना की जानकारी मिलने के बाद, बीआरसी सोहागपुर के महेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि वे आवश्यक कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, हमारे पास निर्देश हैं कि जर्जर भवनों की कक्षाएं सुरक्षित निजी स्थानों पर संचालित की जाएं। शिक्षा विभाग ने अब इन कक्षाओं को एक निजी मकान में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है।

शहडोल में जर्जर भवनों का खतरा

शहडोल जिले में आधे दर्जन से अधिक स्कूल भवनों को जर्जर घोषित किया जा चुका है। इसके बावजूद इन भवनों की मरम्मत या पुनर्निर्माण नहीं किया गया है। बारिश के मौसम में इन भवनों के गिरने का खतरा और भी बढ़ जाता है, जिससे कभी भी किसी बड़े हादसे की आशंका हो सकती है।

राजधानी में हैं स्कूलों के खस्ता हाल

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कई स्कूलों की हालत बेहद खस्ता है, जहां बच्चे पुराने और जर्जर भवनों में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। इन भवनों की उम्र 100 साल से ज्यादा हो चुकी है, और अब इनकी मरम्मत की जरूरत है।

शहर के 836 सरकारी स्कूलों में से लगभग 450 की बिल्डिंग को मरम्मत की आवश्यकता है, जिनमें से कुछ भवनों की हालत इतनी खराब है कि किसी भी समय इनका गिरना संभव है। इनमें से 50 स्कूलों की बिल्डिंगों में दीवारों में दरारें और छतों में सीलन है। इस तरह के जर्जर भवनों में पढ़ाई करना बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है।

पिपलिया बाजखां और बरखेड़ी पीएमश्री जैसे स्कूलों में कक्षाएं चल रही हैं, जबकि इनकी छतें गिर रही हैं और प्लास्टर टूट रहे हैं। इनमें से कुछ स्कूलों में तो हादसों की संभावना है, जैसे कि बरखेड़ी पीएमश्री स्कूल में एक छात्रा हाल ही में छत से गिरने वाले प्लास्टर से घायल हो चुकी है। ऐसे खस्ता हालात में बच्चों की सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।

राजस्थान में हुआ था इससे बड़ा हादसा

इससे पहले 25 जुलाई 2025 को राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई थी। इस हादसे ने राजस्थान के सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति को सामने लाया था। साथ ही स्कूल भवनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है।

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