कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए रामनिवास रावत ( Ramniwas Rawat ) को आखिरकार विभाग की जिम्मेदारी मिल गई। रावत को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सौंपा गया है। अभी यह जिम्मेदारी नागर सिंह चौहान के पास थी। अब नगर सिंह चौहान के पास सिर्फ अनुसूचित जाति एवं कल्याण विभाग बचा है।
दिल्ली से मिली थी हरी झंडी
रामनिवास रावत के मंत्री बनने के बाद उनको कोई पोर्टफोलियो यानी विभाग की जिम्मेदारी नहीं मिलने पर तमाम तरह की राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। इसी बीच छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा में विधानसभा का उपचुनाव होने से भी सरकार वहां व्यस्त थी।
इसके साथ ही अमरवाड़ा के बीजेपी उम्मीदवार कमलेश शाह को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं थीं। हालांकि आचार संहिता लगने के कारण यह संभव नहीं हो सका। चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव दिल्ली जाकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे, जहां से हरी झंडी मिलने के बाद आज रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप दी गई।
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8 जुलाई को ली थी मंत्री पद की शपथ
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए विधायक रामनिवास रावत ने 8 जुलाई को मंत्री पद की शपथ ली थी। रामनिवास रावत श्योपुर की विजयपुर सीट से 6 बार के विधायक हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान वे कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे।
बता दें कि छोटी सी गफलत की वजह से रावत के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड बन गया है। वह एक ही दिन में दो बार मंत्री पद की शपथ लेने वाले मध्य प्रदेश के पहले व्यक्ति बन गए हैं। दरअसल छोटी सी गलती के कारण उन्होंने पहले राज्य मंत्री की शपथ ले ली थी, लेकिन तत्काल मामला समझ में आने के बाद उन्होंने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली।
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