भोपाल में रंगपंचमी चल समारोह की 70 साल पुरानी परंपरा, जानें कहां से हुई इसकी शुरुआत

रंगपंचमी के उत्सव में हर साल भोपाल में निकलने वाला ऐतिहासिक चल समारोह पूरे शहर का ध्यान आकर्षित करता है। इस लेख में रंगपंचमी के जुलूस की शुरुआत, उसकी लोकप्रियता और ऐतिहासिक महत्व पर चर्चा की गई है...

author-image
Kaushiki
New Update
bhopal rangpanchami
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

रंगपंचमी भारत में होली के बाद आने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस उत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण है इसका चल समारोह जो ढोल, डीजे और झांकियों के साथ रंगों से सराबोर हो जाता है।

तो ऐसे में क्या आपको पता है कि, भोपाल में रंगपंचमी की शुरुआत कहां से हुई थी? भोपाल में रंगपंचमी के चल समारोह की शुरुआत 1953 में सराफा चौक से हुई थी। आज यह शहर का  सबसे प्रमुख सांस्कृतिक आयोजन बन चुका है।

ये खबर भी पढ़ें...रंगपंचमी: जब देवी-देवता धरती पर आकर भक्तों संग रंगों में रचते हैं होली का उल्लास

रंगपंचमी का जुलूस कैसे शुरू हुआ

रंगपंचमी के जुलूस का विचार इंदौर के सराफा व्यापारी के माध्यम से आया। इंदौर में लंबे समय से रंगपंचमी पर गेर निकाली जाती रही थी और भोपाल के व्यापारी जब इंदौर जाते थे, तो वहां के जुलूस में शामिल होते थे। इस दौरान उन्होंने यह सोचा कि क्यों न भोपाल में भी ऐसा जुलूस निकाला जाए।

Rang Panchami 2024: भोपाल में छाया रंगपंचमी का उल्लास, चल समारोह में  भूत-पिशाच बने हुरियारे रहे आकर्षण का केंद्र, टैंकरों से बरसा रंग - Rang  Panchami 2024 ...

भोपाल में पहला रंगपंचमी

1953 में इस विचार को मूर्त रूप दिया गया और भोपाल में पहला रंगपंचमी चल समारोह आयोजित किया गया। लगभग 70-80 व्यापारी इस समारोह का हिस्सा बने और यह आयोजन सराफा चौक से शुरू हुआ। पहले यह समारोह भजन मंडली के साथ फाग गीतों के रूप में आयोजित होता था, लेकिन समय के साथ इसे और भी रंगीन और विशाल बना दिया गया।

ये खबर भी पढ़ें...क्यों मनाई जाती है रंगपंचमी, जानिए कैसे हुई थी इसकी शुरुआत

Bhopal News: रंग पंचमी पर जमकर बरसा रंग और गुलाल, चल समारोह में ब्रज होली  की झांकी रही आकर्षण का केंद्र | Colors and gulal rained heavily on Rang  Panchami, tableau of

हिंदू उत्सव समिति का योगदान

बता दें कि, 1965 में हिंदू उत्सव समिति ने इस समारोह की जिम्मेदारी ली। समिति के प्रमुख सदस्य पं. ओम मेहता और किशनलाल बंसल ने इसे एक बड़े स्तर पर मनाने की शुरुआत की। इसके बाद, यह जुलूस और भी भव्य हो गया, जिसमें राधा-कृष्ण की होली पर आधारित झांकियां, हुरियारों के स्वांग और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होने लगीं।

मध्य प्रदेश में रंगपंचमी की घूम, इंदौर में निकाली गई एतिहासिक गेर, रंगों  में डूबे कई शहर, देखें शानदार PHOTOS - Rangpanchami celebration in Madhya  Pradesh world famous ...

रंगपंचमी चल समारोह की विशेषताएं

रंगपंचमी का चल समारोह भोपाल के सबसे बड़े उत्सवों में से एक बन चुका है। इसमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं, और इसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक भी आते हैं। इस समारोह में ढोल, डीजे और झांकियां प्रमुख आकर्षण होते हैं। इस दौरान हुरियारे अपने पारंपरिक स्वांग के साथ जुलूस में शामिल होते हैं।

ये खबर भी पढ़ें...सीएम मोहन यादव इंदौर, उज्जैन और अशोकनगर में मनाएंगे रंगपंचमी, देंखें पूरा शेड्यूल

Rangpanchmi In Indore : इंदौर में रंगपंचमी पर निकलने वाली गेर और फागयात्रा  का बदला रूट | Rangpanchmi In Indore- Route Of Gair And Phagyatra Change |  Patrika News

जुलूस का मार्ग

रंगपंचमी का चल समारोह हर साल सराफा चौक से शुरू होकर हनुमानगंज तक जाता है। यह रास्ता रंगों, संगीत और नृत्य से सजा रहता है, जिससे पूरे शहर में एक अद्भुत माहौल बन जाता है।

Rangpanchami 2023: इंदौर में रंगपंचमी पर निकलने वाली गेर को विश्व धरोहर की  सूची में शामिल कराने के फिर प्रयास - Rangpanchami 2023 Efforts again to  include Ger which comes out on

होली मिलन का आयोजन

1994 में, हिंदू उत्सव समिति ने पहला सार्वजनिक होली मिलन आयोजित किया था। यह आयोजन यादगार-ए-शाहजहां पार्क में हुआ और इसमें हजारों लोग एकत्र हुए थे। इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ फाग गीत, संगीत और नृत्य का आयोजन किया गया था। इस मिलन समारोह में सभी राजनीतिक दलों के लोग एक मंच पर आए थे और इसका उद्देश्य था समुदाय को एकजुट करना और रंगों के माध्यम से भाईचारे का संदेश देना।

ये खबर भी पढ़ें... रंगपंचमी पर बदलने वाला MP के मौसम का रंग, तेज आंधी और बारिश की चेतावनी जारी

रंग पंचमी की गेर के बिना यहां अधूरी है होली, सीएम मोहन यादव भी हैं इसके फैन

रंगपंचमी का सांस्कृतिक महत्व

रंगपंचमी का चल समारोह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह भोपाल और इंदौर के सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। इस आयोजन में हर वर्ग और समुदाय के लोग शामिल होते हैं और एक दूसरे के साथ रंग खेलते हैं। यह उत्सव न केवल होली के रंगों को फैलाता है, बल्कि यह उन परंपराओं और कृत्यों को भी जीवित रखता है, जो हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं।

FAQ

रंगपंचमी चल समारोह की शुरुआत कब हुई थी?
रंगपंचमी चल समारोह की शुरुआत 1953 में भोपाल के सराफा चौक से हुई थी। यह इंदौर के व्यापारी और स्थानीय लोगों की पहल पर शुरू हुआ था।
रंगपंचमी के जुलूस में क्या खास होता है?
रंगपंचमी के जुलूस में ढोल, डीजे, झांकियां, और हुरियारों के स्वांग शामिल होते हैं। यह जुलूस सराफा चौक से शुरू होकर हनुमानगंज तक जाता है।
हिंदू उत्सव समिति ने कब और कहां पहला सार्वजनिक होली मिलन आयोजन किया था?
हिंदू उत्सव समिति ने 1994 में पहला सार्वजनिक होली मिलन आयोजन यादगार-ए-शाहजहां पार्क में किया था। इसमें लगभग दो हजार लोग एकत्र हुए थे।

thesootr links

latest news रंगपंचमी Madhya Pradesh भोपाल रंगपंचमी परंपरा MP News भोपाल रंगपंचमी Bhopal मध्यप्रदेश न्यूज इंदौर की रंगपंचमी गेर धर्म ज्योतिष न्यूज मध्यप्रदेश Indore रंगपंचमी गेर