कलेक्टर जनसुनवाई में बुजुर्ग महिला का हंगामा, बोली - बंद कर दो जनसुनवाई, SDM ने दिया धक्का
रतलाम कलेक्टर कार्यालय में मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान एक बुजुर्ग महिला ने गुस्से में आकर हंगामा कर दिया। महिला ने आरोप लगाया कि उसकी समस्या का समाधान अब तक नहीं किया गया है और अधिकारियों ने उसे केवल आश्वासन ही दिया है।
मध्यप्रदेश. रतलाम कलेक्टर की जनसुनवाई में मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान एक बुजुर्ग महिला ने हंगामा कर दिया। महिला गुस्से में थी क्योंकि उसकी शिकायत का समाधान अब तक नहीं हुआ था। उसने जनसुनवाई को बंद करने की मांग करते हुए अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं।
महिला का आरोप
महिला का कहना था कि एक महीने पहले उसने कलेक्टर से मुलाकात की थी और अपनी समस्या के समाधान की उम्मीद जताई थी, लेकिन उसे केवल आश्वासन दिया गया था। जब वह पुन: जनसुनवाई में आई तो अधिकारियों ने वही पुराना जवाब दिया और उसकी समस्या का समाधान नहीं किया। महिला ने अधिकारियों को चिल्लाते हुए कहा, "बंद करो ये जनसुनवाई, क्यों लोगों को बेवकूफ बना रहे हो?"
महिला के गुस्से को देखते हुए अधिकारियों और महिला सुरक्षाकर्मियों ने उसे शांत करने की कोशिश की। एसडीएम और तहसीलदार ने भी महिला को समझाया, लेकिन वह अपनी बात पर अड़ी रही। इसके बाद, एसडीएम अनिल भाना ने महिला का हाथ पकडक़र उसे ज़ोर से धक्का दिया और महिला आरक्षकों ने उसे जबरन बाहर कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम को कैमरे में कैद किया गया।
महिला का आरोप था कि वह गांव मलवासा में मछली पालन समिति के चुनाव को लेकर अधिकारियों से समाधान की उम्मीद कर रही थी, लेकिन उसे सिर्फ आश्वासन और टालमटोल वाला जवाब मिला। महिला ने कहा कि अब उसे समझ में आ गया है कि जनसुनवाई सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गई है और आम जनता की आवाज़ को दबा दिया जा रहा है।
इस घटना के दौरान महिला ने कलेक्टर से लेकर नेताओं तक को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उसकी आवाज़ में गुस्सा, दर्द और टूटा हुआ भरोसा साफ झलक रहा था। महिला का कहना था कि अगर जनसुनवाई में समाधान नहीं हो सकता तो इसे बंद कर देना चाहिए, क्योंकि जनता को सिर्फ झूठे वादे और आश्वासन दिए जा रहे हैं।
इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या जनसुनवाई अब केवल एक दिखावा बनकर रह गई है, जहां जनता की समस्याओं को हल करने की बजाय केवल आश्वासन और टालमटोल किया जाता है। क्या जनता की आवाज़ अब सिर्फ धक्कोंं और जबरदस्ती से दबाई जाएगी? यह घटनाक्रम रतलाम में जनसुनवाई के तौर-तरीकों पर सवाल उठाता है और इस पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता है।
यह घटना कलेक्टर कार्यालय में अफरा-तफरी का कारण बनी, लेकिन अधिकारी चुपचाप मामले को टालते रहे। इस मामले के बाद यह सवाल भी उठता है कि क्या प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को आम जनता के मुद्दों पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है।