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पूरी खबर को 5 पॉइंट में समझें...
रिटायर्ड प्रोफेसर को 28 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया।
ठगों ने मुंबई क्राइम ब्रांच का फर्जी अधिकारी बनकर डराया।
पीड़ित से कुल 1 करोड़ 34 लाख रुपए वसूले गए।
एसपी अमित कुमार के नेतृत्व में 11 आरोपी गिरफ्तार हुए।
ठगी का पैसा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए कंबोडिया भेजा गया।
आमीन हुसैन @ रतलाम
Ratlam: रतलाम के दीनदयाल नगर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक रिटायर्ड प्रोफेसर और उनकी पत्नी डिजिटल अरेस्ट का शिकार बने। ठगों ने उन्हें उनके ही घर में कैद कर दिया। ठगों ने पूरे 28 दिनों तक उन्हें मानसिक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान दंपती बहुत डरे और सहमे हुए थे। उनसे 1.34 करोड़ रुपए की रकम ठगी गई।
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मुंबई पुलिस बनकर डराया
ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताया। प्रोफेसर को कॉल कर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया। कहा कि आपके खाते से करोड़ों का अवैध लेनदेन हुआ। उन्होंने फर्जी कोर्ट का सेटअप भी वीडियो कॉल पर दिखाया। प्रोफेसर को लगा कि वे सच में फंस गए हैं। आरोपियों ने गिरफ्तारी का डर दिखाकर उन्हें चुप करा दिया। इस तरह उनसे डरा-धमकाकर वसूली शुरू की गई।
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कनाडा में रह रहे बेटे की जान का डर
ठगों ने प्रोफेसर की सबसे बड़ी कमजोरी का फायदा उठाया। उनका बेटा फिलहाल कनाडा में रहकर पढ़ाई कर रहा है। ठगों ने धमकी दी कि बेटे पर केस करेंगे। यहां तक कि उसे गोली मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि उसे कभी भारत नहीं आने देंगे। इस डर से प्रोफेसर और उनकी पत्नी टूट गए। उन्होंने आपस में बात करना भी बंद कर दिया था। वे घर से बाहर जाने पर भी ठगों को बताते थे।
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ऐसे खाली हुआ प्रोफेसर का बैंक खाता
ठगों ने सिग्नल ऐप पर वीडियो कॉल करने को कहा। वे दिन में कई बार निगरानी रखते थे। डरे हुए दंपति ने गोल्ड लोन तक ले लिया। उन्होंने 10 अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर किए। ठगों ने कुल 1 करोड़ 34 लाख रुपए लिए। वे प्रोफेसर का मकान तक बिकवाने की तैयारी में थे। 13 दिसंबर को जब बेटा घर लौटा तब सच खुला। बेटे ने हौसला दिया, तब जाकर दोनों को पुलिस में रिपोर्ट करने की हिम्मत आई।
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SIT टीम का एक्शन, 11 आरोपी गिरफ्तार
मामला मिलते ही पुलिस अधीक्षक अमित कुमार तुरंत एक्शन में आए। उन्होंने 18 सदस्यों की एक विशेष SIT टीम बनाई। पुलिस ने डिजिटल सबूतों और बैंक खातों की जांच की। इस गैंग के लोग कई राज्यों में फैले हुए है। पुलिस ने अब तक कुल 11 आरोपी गिरफ्तार किए।
ये गिरफ्तारियां जबलपुर, बिहार, गुजरात और यूपी से हुईं। आरोपियों में एक नाबालिग और एनजीओ संचालक भी शामिल है। पुलिस अब भी मेन आरोपी को ढूंढ रही है।
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कंबोडिया और पाकिस्तान से जुड़े तार
जांच में बहुत चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। ठगी गई रकम पहले कई भारतीय खातों में गई। वहां से इस पैसे से क्रिप्टोकरेंसी खरीदी गई। पुलिस को इसमें कश्मीर और पाकिस्तान के भी लिंक मिले हैं। पुलिस ने फिलहाल 11 लाख रुपए बैंक में लॉक दिए हैं। बाकी पैसों की रिकवरी के प्रयास जारी हैं।
| लिस्ट | जानकारी |
| कुल ठगी की राशि | 1 करोड़ 34 लाख 50 हजार रुपए |
| डिजिटल अरेस्ट की अवधि | 28 दिन |
| गिरफ्तार आरोपियों की संख्या | 11 (मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, यूपी से) |
| मेन लोकेशन | रतलाम, मध्य प्रदेश |
| पैसा कहां भेजा गया | कंबोडिया |
| फ्रीज की गई राशि | 11 लाख रुपए |
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