रिश्वत मांगने वाले असिस्टेंट डायरेक्टर को चार साल की जेल, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

रतलाम में अदालत ने रिश्वत के मामले में फैसला सुनाते हुए मत्स्योद्योग के तत्कालीन सहायक संचालक को 4 साल की सजा और 2000 रुपए जुर्माने से दंडित किया है। जानें पूरा मामला

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Vikram Jain
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ratlam fisheries assistant director jailed for bribery
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BHOPAL. मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। अब रतलाम में अदालत ने रिश्वत के चार साल पुराने मामले में मत्स्योद्योग के तत्कालीन सहायक संचालक को दोषी मानते हुए 4 साल की सजा सुनाई है। साथ ही दो हजार रुपए जुर्माना लगाया। यह मामला 2020 का है, जब सहायक संचालक ने एक मछली पालन संस्था से अनुदान जारी करने के लिए रिश्वत की मांग की थी और लोकायुक्त के जाल में फंस गए थे।

जानें पूरा मामला

दरअसल, साल 2020 में मछली पालन सहकारी संस्था पिपलौदी, जिला रतलाम के अध्यक्ष शोभाराम धाकड़ ने लोकायुक्त को शिकायत दी थी कि मत्स्योद्योग के सहायक संचालक बहादुर सिंह डामर ने संस्था को अनुदान राशि जारी करने के लिए 25 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की है। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने जांच शुरू की और बहादुर सिंह को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।

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4 साल का सश्रम कारावास और जुर्माना

अब मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय के विशेष न्यायाधीश आदित्य रावत ने मामले की सुनवाई करते हुए मत्स्योद्योग विभाग के अधिकारी बहादुर सिंह डामर को दोषी ठहराते हुए फैसला सुनाया है। अदालत ने बहादुर सिंह को 4 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। फैसले के बाद डामर को जेल भेज दिया गया।

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मछली पालन समूह से की थी रिश्वत की मांग

प्रभारी जिला अभियोजन अधिकारी गोल्डन राय ने बताया कि 18 दिसंबर 2020 को फरियादी शोभाराम धाकड़ ने उज्जैन लोकायुक्त कार्यालय में लिखित शिकायत की थी।। फरियादी धाकड़ ने शिकायत दी बताया था कि मत्सोद्योग के सहायक संचालक बहादुर सिंह डामर ने उनकी सहकारी संस्था पिपलौदी को पट्टा अनुबंध के तहत मिलने वाली अनुदान राशि जारी करने के लिए रिश्वत की मांग की है। यह अनुबंध रूपनिया खाल जलाशय में मछली पालन के लिए किया गया था। डामर ने पहले 25 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी, और बाद में इसे घटाकर 10 हजार रुपए कर दिया था।

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अधिकारी को रिश्वत लेते किया था गिरफ्तार

लोकायुक्त की शिकायत के बाद शोभाराम धाकड़ ने 22 दिसंबर 2020 को कार्यालय में जाकर अधिकारी बहादुर सिंह को 10 हजार रुपए की रिश्वत दी थी। इस दौरान लोकायुक्त टीम ने बहादुर सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया और काली डायरी में रखे रुपये जब्त कर लिए। इसके बाद लोकायुक्त ने मामले की जांच पूरी कर अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। अभियोग पत्र 30 नवंबर 2022 को न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

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मध्य प्रदेश भ्रष्ट अधिकारी को सजा Bribery Case Sentence रिश्वत मामले में सजा कोर्ट का फैसला Ratlam News रिश्वत रतलाम न्यूज