लोकायुक्त का एक्शन, सामाजिक न्याय विभाग का क्लर्क रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, इसलिए मांगी थी घूस

मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इंदौर लोकायुक्त ने अलीराजपुर में सामाजिक न्याय एवं निःशक्त विभाग के क्लर्क को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। जानें क्यों मांगी थी रिश्वत

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Vikram Jain
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मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लोकायुक्त का कार्रवाई लगातार जारी है। भष्ट्र अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त के एक्शन के बाद भी रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। गिरफ्तारियों के बाद भी भ्रष्टाचारी सबक नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला अलीराजपुर (Alirajpur) से सामने आया है। जहां लोकायुक्त पुलिस ने सामाजिक न्याय एवं निःशक्त विभाग के क्लर्क को 45 हजार रुपए की रिश्वत (Bribery) लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी क्लर्क ने एरियर की राशि के भुगतान के एवज रिश्वत की डिमांड की थी।

रिश्वत लेते में रंगे हाथों पकड़ा गया बाबू

अलीराजपुर जिले में इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने सामाजिक न्याय एवं निःशक्त विभाग के सहायक ग्रेड-3 अलताफ खान को रिश्वत लेते हुए पकड़ा। आरोपी ने एक सेवानिवृत्त कर्मचारी के छठे वेतनमान के एरियर की राशि के बदले 45 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। इस मामले में लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की है।

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जानें पूरा मामला

पूरा मामला रिटायर्ड कर्मचारी हेमंत दांडेकर के छठे वेतनमान के एरियर की राशि का है। हेमंत दांडेकर जो चंद्रेशखर आजाद आदिवासी ग्रामीण दृष्टिहीन पुनर्वसन केंद्र भाबरा में वार्डन के पद पर कार्यरत थे। जो साल 2018 में सेवानिवृत्त हुए थे। जिनका 9 लाख 36 लाख रुपए की एरियर का भुगतान बाकी था। जिसके बाद एरियर भुगतान के एवज में क्लर्क अलताफ खान ने राशि का 5 प्रतिशत कमीशन 45 हजार रुपए की डिमांड की थी।

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रिटायर्ड कर्मचारी के बेटे की शिकायत पर कार्रवाई

रिश्वत मांगने के मामले में हेमंत दांडेकर के बेटे अभिनव दांडेकर ने इंदौर लोकायुक्त में कर दी। शिकायतकर्ता अभिनव की शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए कार्रवाई शुरू की और अलीराजपुर जिला पंचायत भवन में सामाजिक न्याय और निशक्त विभाग में कार्रवाई करते हुए क्लर्क अलताफ खान को 45 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। इस मामले में लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की है।

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