अजब MP में गजब कारनामा! ढोल-नगाड़ों के साथ मर चुके शख्स की आत्मा लेने अस्पताल पहुंचे परिजन

मध्यप्रदेश के रतलाम जिले से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां मृतक की आत्मा को लाने के लिए ढोल-नगाड़ों के साथ परिजन अस्पताल पहुंच गए। फिर क्या हुआ... चलिए जानते हैं

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Amresh Kushwaha
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आमीन हुसैन @ रतलाम

चांद तक इंसान पहुंच चुका है, लेकिन आस्था और अंधविश्वास के सामने ये सब कुछ भी नहीं लगता। इसका एक ताजगी से भरा उदाहरण मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से सामने आया है।

यहां के मेडिकल कॉलेज में एक युवक की मौत हो गई। इसके बाद उसके परिवारवालों ने उसकी आत्मा को अस्पताल से वापस घर लाने का फैसला किया। तो फिर क्या था! अस्पताल से मृत युवक की आत्मा लेने के लिए बड़ी संख्या में गांववाले ढोल बजाते हुए पहुंचे। क्या है पूरा मामला चलिए बताते हैं।

मौत के बाद आत्मा के लौटने का दावा

यह मामला उस समय का है, जब छावनी झोड़ियां गांव के शांतिलाल नाम के युवक की मौत हुई थी। शांतिलाल ने दो महीने पहले कीटनाशक पी लिया था।

इसके बाद उसे इलाज के लिए रतलाम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी मौत हो गई।

परिजनों का दावा है कि इसके बाद परिवार की एक लड़की को अजीब सपने आने लगे। सपनों में शांतिलाल की आत्मा उसे दिखाई देने लगी। दावा है कि आत्मा लड़की से कहती थी कि मुझे मेडिकल कॉलेज से घर ले जाओ।

परिवार ने इसे दिव्य संकेत मान लिया। फिर क्या था 20 नवंबर, बुधवार को पूरा परिवार तंत्र-मंत्र, पूजा-पाठ और ढोल-नगाड़ों के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंच गया।

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मेडिकल कॉलेज के बाहर दिया अनोखा नजार

रतलाम मेडिकल कॉलेज के परिसर में ढोल और मंत्रों की आवाजें गूंजने लगीं। परिजनों ने अपनी परंपरा के हिसाब से मृतक की आत्मा को घर ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

यह दृश्य कुछ लोगों के लिए अंधविश्वास था, तो कुछ के लिए बस एक पारंपरिक रस्म। अस्पताल के बाहर लोग इलाज के लिए आए थे, जबकि दूसरी ओर तंत्र-मंत्र और ढोल के साथ ये अजीब नजारा देखने को मिल रहा था।

पूरी प्रक्रिया के बाद, परिजन ढोल बजाते हुए अपने गांव लौट गए। उनका मानना था कि अब शांतिलाल की आत्मा उनके साथ है, और रास्ते में यह आत्मा उनके साथ चल रही थी।

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रतलाम में अंधविश्वास की खबर पर एक नजर...

  • मृत्यु के बाद आत्मा को घर लाने का दावा: रतलाम जिले के छावनी झोड़ियां गांव में शांतिलाल नामक युवक की मृत्यु के बाद उसके परिजनों ने उसकी आत्मा को घर वापस लाने का दावा किया।

  • सपने में आया दिव्य संकेत: मृतक की बहन को अजीब सपने आने लगे थे, जिसमें शांतिलाल की आत्मा ने उसे घर लाने का अनुरोध किया था, जिसे परिवार ने दिव्य संकेत मान लिया।

  • मेडिकल कॉलेज में तंत्र-मंत्र और पूजा-पाठ: 20 नवंबर को परिवार तंत्र-मंत्र, पूजा-पाठ और ढोल-नगाड़ों के साथ रतलाम मेडिकल कॉलेज पहुंचा, जहां मृतक की आत्मा को ले जाने की प्रक्रिया शुरू की गई।

  • आदिवासी समाज की परंपरा: मृतक के परिवार ने बताया कि यह उनके समाज की परंपरा है, जिसके अनुसार आत्मा को उसी स्थान से ले जाना चाहिए जहां मृत्यु हुई हो।

  • अंधविश्वास पर विरोध: आदिवासी समाज में शिक्षा और जागरूकता के कार्यकर्ता इस परंपरा का विरोध कर रहे हैं, और अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।

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आदिवासी अंचल में क्यों होती है यह परंपरा

परिवार के सदस्य भूरालाल ने बताया कि यह उनकी समाज की परंपरा है। उनका मानना था कि जहां किसी की मौत होती है, वहीं से आत्मा को घर ले जाना चाहिए। भूरालाल के मुताबिक, उनके समाज में मृतक के परिवार वाले अपनी रीति-रिवाजों के हिसाब से आत्मा को उसी जगह से लेकर जाते हैं, जहां मौत हुई हो।

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परंपरा से सहमत नहीं कार्यकर्ता

वहीं, आदिवासी समाज में शिक्षा और जागरूकता के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता इस परंपरा से सहमत नहीं हैं। डॉ. अभय ओहरी ने कहा, जैसे-जैसे आदिवासी समाज में शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है, अंधविश्वास कम हो रहा है। हम इस तरह की कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता लाने की कोशिश कर रहे हैं।

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