कैबिनेट का फैसला: रतलाम-नागदा, वर्धा-बल्हारशाह रूट पर नई रेललाइन को मंजूरी

रतलाम-नागदा मार्ग पर तीसरी और वर्धा-बल्हारशाह मार्ग पर चौथी रेलवे लाइन बनाई जाएगी। करीब 3,399 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इन प्रोजेक्ट्स को 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

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Sandeep Kumar
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MP News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। भारतीय रेलवे की दो मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी मिली। इन परियोजनाओं में एमपी के रतलाम-नागदा के बीच तीसरी रेलवे लाइन को मंजूरी मिली है।

वहीं महाराष्ट्र के वर्धा-बल्हारशाह के चौथी रेल लाइन को मंजूरी मिली है। दोनों रेल लाइनों में कुल अनुमानित खर्च 3 हजार 399 करोड़ रुपए है। इन परियोजनाओं को 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

एमपी और महाराष्ट्र के लाखों लोगों को फायदा

इन परियोजनाओं के तहत रेलवे नेटवर्क में 176 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी। एमपी में रतलाम-नागदा के बीच तीसरी रेल लाइन को मंजूरी मिली है। वहीं महाराष्ट्र के वर्धा-बल्हारशाह के बीच चौथी रेल लाइन को मंजूरी मिली है।

ये परियोजनाएं मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों के चार जिलों से होकर गुजरेंगी। इससे कुल 784 गांवों की लगभग 19.74 लाख की आबादी को सीधा लाभ पहुंचेगा। ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और व्यापार के अवसरों का विस्तार होगा।

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मल्टि-ट्रैकिंग परियोजनाओं की लागत

इन दोनों परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत करीब 3,399 करोड़ रुपए है। इनका कार्यान्वयन 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह निवेश भारतीय रेलवे की बुनियादी संरचना को भविष्य के अनुरूप बनाने के प्रयासों का हिस्सा है, जिससे यात्री और माल परिवहन दोनों में दक्षता और निर्बाधता आएगी।

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मालवहन क्षमता में होगी भारी बढ़ोतरी

इन रूट्स पर भारी मात्रा में कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम जैसे सामग्रियों की ढुलाई होती है। इन नई लाइनों के बन जाने से हर साल करीब 18.40 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई संभव होगी। इससे देश की आपूर्ति श्रृंखला और औद्योगिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिलेगी।

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ग्रीन रेलवे की दिशा में बड़ा कदम

रेल मंत्रालय के अनुसार, यह प्रोजेक्ट पर्यावरणीय दृष्टि से भी बेहद लाभदायक सिद्ध होगा। हर साल करीब 20 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी और 99 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 4 करोड़ पौधारोपण के बराबर है। यह सरकार के ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के एजेंडे को मजबूती प्रदान करेगा।

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74 लाख लोगों को मिल सकेगा रोजगार

इस निर्माण परियोजनाओं के दौरान लगभग 74 लाख लोगों को फायदा होगा। इससे ना केवल श्रमिकों को काम मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह रोजगार से विकास की होगा।

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