काली साड़ी के घूंघट में मुंह छिपाए इटारसी स्टेशन से निकली थी अर्चना तिवारी, वीडियो आया सामने, कहानी पर लगी मुहर

अर्चना तिवारी की कहानी से जुड़ा लेटेस्ट वीडियो सामने आया है। इस वीडियों ने अर्चना की थ्रिलर स्टोरी की पूरी कहानी पर मुहर लगा दी है। वीडियो में अर्चना तिवारी अपने दोस्त का हाथ पकडे़ साड़ी से मुंह छिपाए जाती नजर आ रही है।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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संस्पेंस, थ्रिलर और मिसिंग मिस्ट्री की स्क्रिप्ट राइटर अर्चना तिवारी की कहानी से जुड़ा लेटेस्ट वीडियो सामने आया है। इस वीडियों ने अर्चना की थ्रिलर स्टोरी की पूरी कहानी पर मुहर लगा दी है। इटारसी रेलवे स्टेशन के इस वीडियो में अर्चना तिवारी अपने दोस्त का हाथ पकडे़ साड़ी से मुह छिपाए जाती नजर आ रही है।

वीडियो में अर्चना काली साड़ी के घूंघट से अपने चेहरे को ढके हुए तेज कदमों के साथ इटारसी स्टेशन से बाहर निकलती दिखाई दे रही है। इस वीडियो फुटेज से साफ हो जाता है कि अर्चना की मिसिंग मिस्ट्री की कहानी स्वयं के द्वारा सोच समझकर रची गई थी। 

वीडियो में क्या है खास?

वीडियो में अर्चना काली साड़ी पहने हुए, चेहरा घूंघट से ढके और अपने दोस्त तेजेंद्र का हाथ पकड़े हुए इटारसी रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते हुए नजर आ रही हैं। यह फुटेज इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि अर्चना ने पूरी गुमशुदगी की कहानी खुद रची थी। इस वीडियो ने न सिर्फ पुलिस को जांच के सही रास्ते पर लाया, बल्कि इसने यह भी दिखा दिया कि यह कोई हादसा नहीं था, बल्कि एक पूर्व नियोजित साजिश थी। 

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इटारसी स्टेशन पर आखिरी बार दिखी थी अर्चना

7 अगस्त को अर्चना नर्मदा एक्सप्रेस से इंदौर से रवाना हुई थी। उसने परिवार को बताया था कि वह राखी पर कटनी जा रही है, लेकिन वह वहां तक पहुंची ही नहीं। अगले दिन से उसका फोन बंद हो गया और परिवार ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अब सामने आए इटारसी स्टेशन के इस वीडियो में अर्चना अपने दोस्त तेजेंद्र के साथ दिखी। इस फुटेज से पता चला कि अर्चना ने काले रंग की साड़ी पहनी थी और चेहरा कपड़े से ढका था, जिससे उसकी पहचान में मुश्किलें आईं। 

पहले से ही तैयार थी गुमशुदगी की कहानी

पुलिस जांच में यह सामने आया कि अर्चना ने अपनी गुमशुदगी की कहानी पहले से ही तैयार कर रखी थी। एक वकील के रूप में उसे कानून और पुलिस जांच प्रक्रिया का अच्छा ज्ञान था, और उसने यह सोचा कि अगर मामला जीआरपी में दर्ज होगा तो इस पर ज्यादा जांच पड़ताल नहीं होगी। 

इसी के चलते उसने इटारसी के पास एक जंगल में अपना मोबाइल फेंक दिया, ताकि उसकी लोकेशन ट्रेस न की जा सके। इसके बाद उसने ऐसा रास्ता चुना, जहां टोल टैक्स और सीसीटीवी कैमरे नहीं थे, ताकि किसी को भी उसके ट्रैक का पता न चले। 

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दोस्तों की मदद से रचा गया ड्रामा

अर्चना के दो दोस्तों, शुजालपुर निवासी सारांश और तेजेंद्र की अहम भूमिका रही। सारांश से अर्चना की पहचान इंदौर में पढ़ाई के दौरान हुई थी, जबकि तेजेंद्र एक ड्राइवर था, जो अक्सर अर्चना को बाहर ले जाता था। इन दोनों की मदद से अर्चना ने इस साजिश को अंजाम दिया। इस बार तेजेंद्र ने नर्मदापुरम से ट्रेन में चढ़कर अर्चना को साड़ी और कपड़े दिए, और फिर तीनों ने मिलकर यह तय किया कि गुमशुदगी का नाटक करना सबसे आसान होगा।

नेपाल तक की यात्रा और गुमशुदगी की साजिश

अर्चना इटारसी से शुजालपुर, बुरहानपुर, हैदराबाद, जोधपुर होते हुए दिल्ली पहुंची, और फिर नेपाल चली गई। इस दौरान उसने नया सिम कार्ड नहीं लिया, ताकि किसी भी हालत में उसकी ट्रैकिंग न हो सके। इसके बाद अर्चना ने 14 अगस्त को नेपाल के लखीमपुर खीरी बॉर्डर से भारत लौटकर अपने परिवार से संपर्क किया और सुरक्षित बरामद हुई।

कॉल डिटेल से हुआ खुलासा

पुलिस ने इस मामले में 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले और अर्चना की कॉल डिटेल रिकॉर्ड से एक अहम सुराग मिला। यह पता चला कि अर्चना का लंबे समय तक संपर्क सारांश से था। सारांश से पूछताछ के बाद, पूरी सच्चाई सामने आ गई और अर्चना की गुमशुदगी का रहस्य खुल गया।

शादी से बचने के लिए रची गई साजिश

पूरे मामले की जांच से यह भी पता चला कि अर्चना की गुमशुदगी का असली कारण उनके परिवार द्वारा तय की गई शादी थी। परिवार ने उनका रिश्ता एक पटवारी से तय कर दिया था, और उन पर पढ़ाई छोड़कर शादी की तैयारी करने का दबाव था। लेकिन अर्चना इसके लिए तैयार नहीं थीं, और इसलिए उन्होंने गुमशुदगी का नाटक रच दिया ताकि शादी टल सके।

अर्चना का प्रेम संबंध और सच्चाई

पूरे मामले में अटकलें भी लगीं कि अर्चना और सारांश के बीच कोई प्रेम संबंध था। हालांकि, अर्चना ने पूछताछ में स्पष्ट किया कि उनके और सारांश के बीच कोई प्रेम संबंध नहीं थे। वह सिर्फ उसका दोस्त था, जिसने इस साजिश में मदद की। 

FAQ

अर्चना तिवारी के गुमशुदगी केस में क्या सच्चाई है?
अर्चना तिवारी ने अपनी गुमशुदगी का नाटक रचा था। पुलिस जांच में यह पता चला कि उन्होंने अपने दोस्तों की मदद से इस पूरी साजिश को रचा, ताकि वह अपनी शादी से बच सकें।
अर्चना तिवारी ने गुमशुदगी की साजिश क्यों रची?
अर्चना तिवारी की गुमशुदगी की साजिश उनके परिवार द्वारा तय की गई शादी से बचने के लिए रची गई थी। परिवार ने उनका रिश्ता एक पटवारी से तय कर दिया था, जिससे अर्चना खुश नहीं थीं।
अर्चना तिवारी के दोस्त किस प्रकार इस साजिश में शामिल थे?
अर्चना के दोस्त, सारांश और तेजेंद्र, ने मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया। सारांश ने अर्चना को दिल्ली और नेपाल तक पहुँचने में मदद की, जबकि तेजेंद्र ने उसे ट्रेन में साड़ी और कपड़े दिए थे।

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इंदौर पुलिस जांच इटारसी रेलवे स्टेशन गुमशुदगी अर्चना तिवारी