ईडी की जांच में सामने आया है कि पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की कारोबारी डीलिंग हवाला नेटवर्क संचालक लोकेश सदाशिवम से रही है। रिपोर्ट के मुताबिक सौरभ के परिवार और लोकेश के बीच व्यापारिक रिश्ते थे, जो ‘स्काई लॉक सिस्टम’ नामक कंपनी के जरिये संचालित किए गए।
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संदिग्ध कंपनी बनाकर कर रहे थे लेन देन
सौरभ शर्मा की पत्नी दिव्या तिवारी और लोकेश सदाशिवम की मां एस. कंचना ने ‘स्काई लॉक सिस्टम’ नाम की कंपनी बनाई थी। ईडी का दावा है कि इस कंपनी का इस्तेमाल संदिग्ध लेन-देन और पैसे ठिकाने लगाने के लिए किया गया।
19 दिसंबर की रात मेंडोरी पहुंची कार
19 दिसंबर की रात भोपाल के मेंडोरी फार्महाउस से बरामद इनोवा कार, जिसमें 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नकद मिले थे, वह उसी दिन दोपहर में रोहित नगर से पहुंचाई गई थी। ईडी रिपोर्ट के मुताबिक सौरभ के ड्राइवर प्यारेलाल केवट को कार सौरभ के रिश्तेदार विनय हासवानी ने पायलट कर फार्महाउस तक पहुंचाया।
रेखा और अनुभा तिवारी नहीं माना गया आरोपी
ईडी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि सौरभ शर्मा की सास रेखा तिवारी और साले की पत्नी अनुभा तिवारी को आरोपी नहीं बनाया गया है। हालांकि, इन दोनों के नाम पर दर्ज संपत्तियों को जब्त किया गया है। चार्जशीट में सौरभ के साले रोहित तिवारी के नाम पर दर्ज 14 कंपनियों का भी जिक्र किया गया है।
चेतन सिंह गौर के खातों में रखा सौरभ शर्मा का बड़ा पैसा
ईडी की जांच में पता चला है कि सौरभ शर्मा ने खुद के मुकाबले ज्यादा रकम अपने स्कूली मित्र चेतन सिंह गौर के बैंक खातों में जमा करवाई थी। चेतन के नाम पर की गई 5 एफडी में से एक की राशि 2 करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक है। इसके अलावा, सौरभ के नाम से भी बैंक खातों में करोड़ों की जमा राशि पाई गई है।
रोहित तिवारी के नाम पर दर्ज हैं 14 कंपनियां
चार्जशीट में यह भी खुलासा किया गया है कि सौरभ शर्मा के साले रोहित तिवारी के नाम पर 14 कंपनियां पंजीकृत हैं। इनमें से कई में उसकी पत्नी अनुभा तिवारी पार्टनर हैं। कुछ कंपनियों में पार्टनर की जानकारी स्पष्ट नहीं है। इन कंपनियों में सनराइज बिल्डर्स, स्वास्तिक डेवलपर्स एंड प्रमोटर्स, माही फार्मेसी, साईंराम एसोसिएट्स और श्रीकृष्णा एसोसिएट्स शामिल हैं।
तीन गवाहों के बयानों ने सौरभ को पहचाना
8 अप्रैल को कोर्ट में पेश ईडी की चार्जशीट में प्यारेलाल केवट, विनय हासवानी और चेतन सिंह गौर के बयान शामिल किए गए हैं। इनके अनुसार, जब्त किया गया सोना और कैश सौरभ शर्मा का ही है, हालांकि सौरभ ने खुद इससे इनकार किया है। सौरभ शर्मा ने ईडी को दिए बयान में कहा है कि वह कार उनकी नहीं बल्कि चेतन सिंह गौर की है और इस बारे में वही सही जानकारी दे सकते हैं। लेकिन गवाहों के बयानों ने सौरभ की भूमिका को संदेह के घेरे में ला दिया है।
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