सिंगल क्लिक से गलत खातों में जमा हुए साढ़े 12 करोड़, आउटसोर्स कर्मचारियों पर फोड़ा ठीकरा

मध्य प्रदेश में नौकरशाह अपनी जवाबदेही से बचने के रास्ते तलाशने में माहिर हैं। पहले इसके लिए संविदा कर्मचारियों को और अब आउट सोर्स कर्मचारियों को ढाल बनाया जा रहा है।

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Ravi Awasthi
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Photograph: (The Sootr)

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रवि अवस्थी, भोपाल

मध्य प्रदेश के अधिकां​श​ विभागों में ज्यादातर प्रशासनिक कामकाज आउट सोर्स से रखे गए कर्मचारियों के भरोसे हैं। ऐसे में कोई बड़ी प्रशासनिक चूक सामने आने पर जिम्मेदार अधिकारी इन कर्मचारियों की गल्ती बताकर जवाबदेही से बच रहे हैं। 

ऐसा ही एक मामला,हाल ही में मप्र राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम में सामने आया। यहां श्रम विभाग के पोर्टल से संबंल—2 के करीब साढ़े 12 करोड़ रुपए गलत खातों में जमा कर दिए गए। यह रकम बीते साल 10 मार्च को सिंगल क्लिक के जरिए वितरित की गई।

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असल हितग्राहियों की शिकायत से मचा हड़कंप 

मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब असल हितग्राहियों ने रकम नहीं मिलने की शिकायत की। इसके बाद श्रम विभाग ने खोजबीन शुरू की। इसके बाद आनन-फानन में रिकवरी की प्रक्रिया शुरू हुई,लेकिन अब तक सिर्फ 572 खातों से करीब सवा 11 करोड़ रुपए ही विभाग वसूल सका। बकाया सवा करोड़ रुपए हितग्राहियों ने या तो खर्च कर दिए या तकनीकी कारणों से इसे वापस लेना अब तक संभव नहीं हो सका। 

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श्रम विभाग ने पोर्टल को बताया गड़बड़

गलत खातों में इतनी बड़ी रकम डाले जाने का मामला राज्य विधानसभा के पिछले मानसून सत्र में भी उठा। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के एक लिखित सवाल के जवाब में श्रम मंत्री प्रह्लाद पटेल ने गड़बड़ी को स्वीकार किया। 

मंत्री के जवाब में कहा गया कि श्रम विभाग का पोर्टल मप्र इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम ने तैया​र किया। इसमें कोडिंग व टेस्टिंग की गल्तियों के चलते ही यह गड़बड़ी हुई।

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दो आउट सोर्स कर्मचारियों पर फोड़ा ठीकरा

जवाब में कहा गया कि प्रकरण में निगम के टेक लीडर विकास निगम एवं टेस्टर सौरभ चौहान की लापरवाही सामने आई। इसके बाद उनकी सेवा संबंधित ठेकेदार को वापस कर दी गई है।

इस मामले में जब निगम के जिम्मेदार  अधि​कारियोंसे बात की गई तो वह जवाब देने से बचते रहे। बता दें कि सरकारी विभागों में आउट सोर्स कर्मचारियों की सेवाएं ठेका ​श्रमिकों की तरह हैं। इनकी न तो काई जवाबदेही तय है,न नौकरी का भरोसा।  

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महिला उद्यमियों के मामले में भी उठे सवाल

इससे पहले एमएसएमई विभाग की ही ओर से महिला उद्यमियों के खातों में 275 करोड़ रुपए जमा किए जाने का मामला भी विवादों में रहा है। राज्य शासन ने सिंगल क्लिक के जरिए 850 महिला उद्यमियों के खातों में 275 करोड़ रुपए जमा करने का दावा किया। कई हितग्राही उद्यमियों को रकम नहीं मिलने की शिकायत हुई। तब विपक्षी दल ने इसे लेकर तीखे आरोप लगाए। 

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