भोपाल की साध्वी लक्ष्मीदास (Sadhvi Lakshmidas) उर्फ रीना रघुवंशी पर महंत कनकबिहारी दास के अकाउंट से 90 लाख की धोखाधड़ी का आरोप है। पुलिस की जांच के बीच साध्वी फरार है और उसका पूरा परिवार गायब है। छिंदवाड़ा पुलिस ने साध्वी के साथ उसके भाई हर्ष और दोस्त मनीष को भी आरोपी बनाया है। इस मामले में रीना की अग्रिम जमानत याचिका पर 9 सितंबर को सुनवाई होनी है। रघुवंशी समाज ने साध्वी पर 51 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया है, जोकि अपने आप में मिसाल है। दरअसल इस धोखाधड़ी से रघुवंशी समाज का नाम खराब हो रहा था। इसलिए समाज के प्रमुख लोगों ने खुद इस जालसाजी का विरोध करते हुए यह फैसला लिया है।
महंत के अकाउंट से उड़ाए 90 लाख
छिंदवाड़ा के महंत कनकबिहारी दास की मौत के बाद उनके अकाउंट से 90 लाख रुपए की हेराफेरी के आरोप में साध्वी लक्ष्मीदास उर्फ रीना रघुवंशी फरार हो चुकी है। पुलिस उसे तलाशने में जुटी है। इस घटना से न केवल भोपाल के कोलार क्षेत्र के लोग, बल्कि पूरे रघुवंशी समाज में भी खलबली मची हुई है।
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पुलिस ने साध्वी के भाई- दोस्त को भी बनाया आरोपी
छिंदवाड़ा पुलिस ने साध्वी रीना रघुवंशी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। जांच में सामने आया है कि रीना ने महंत कनकबिहारी दास के अकाउंट से जाली दस्तावेजों का उपयोग कर 90 लाख रुपए निकालकर अपने भाई हर्ष और एक अन्य सहयोगी मनीष सोनी के अकाउंट में ट्रांसफर किए थे। इसके बाद ये अकाउंट बंद कर दिए गए। इस घोटाले के बाद से रीना का पूरा परिवार गायब है।
साध्वी का पूरा परिवार भी गायब
भोपाल के कोलार क्षेत्र में स्थित उनके फ्लैट पर भी अब ताला लटका हुआ है। सिक्योरिटी गार्ड के मुताबिक, परिवार के लोग 1 सितंबर के बाद से दिखाई नहीं दिए हैं। पड़ोसियों ने आशंका जताई है कि रीना का परिवार पूछताछ से बचने के लिए संभवतः साउथ अफ्रीका चला गया है, जहां रीना की बहन और भाई काम करते हैं।
छिंदवाड़ा पुलिस का कहना है कि रीना के साथ उसका भाई हर्ष और मनीष सोनी भी इस धोखाधड़ी में शामिल हैं। पुलिस को शक है कि इन तीनों ने मिलकर महंत के अकाउंट से पैसे निकालने की साजिश रची। पुलिस ने रीना के खिलाफ 10,000 रुपए का इनाम घोषित किया है, जबकि रघुवंशी समाज ने 51,000 रुपए का इनाम घोषित किया है।
जमानत याचिका पर 9 सितंबर को सुनवाई
रीना ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, जो पहले छिंदवाड़ा कोर्ट में खारिज हो चुकी है। अब उसकी दूसरी जमानत याचिका पर 9 सितंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्ट्या यह स्पष्ट है कि रीना ने जाली दस्तावेजों का उपयोग कर सिम हासिल की और महंत के अकाउंट से पैसे ट्रांसफर किए।
रीना ने खुद को महंत कनकबिहारी दास की उत्तराधिकारी बताया है और इसके पक्ष में एक वसीयत भी पेश की है। हालांकि आश्रम प्रबंधन इस वसीयत को फर्जी बता रहा है और कह रहा है कि महंत ने श्याम सिंह को अपना उत्तराधिकारी बनाया था। इस संबंध में एक अलग उत्तराधिकार मामला छिंदवाड़ा न्यायालय में लंबित है।
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