Who is Sadhvi Laxmi Das : महंत कनकबिहारी दास के साथ फ्रॉड करने वाली साध्वी लक्ष्मीदास पुलिस की वांटेड लिस्ट में शामिल हो गई है। पुलिस साध्वी के खिलाफ चौरई पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। साध्वी लक्ष्मीदास पर आरोप है कि उसने कनकबिहारी दास की मृत्यु के बाद उनके बैंक अकाउंट से फर्जी दस्तावेज दिखाकर 90 लाख रुपए निकाले है और फरार हो गई। अब पुलिस साध्वी को हर जगह तलाश कर रही है। आइए जानते है फ्रॉड साध्वी लक्ष्मीदास के बारे में ...।
कौन है साध्वी लक्ष्मीदास
साध्वी लक्ष्मीदास का नाम पहले रीना रघुवंशी था। रीना खेजड़ा तिला गांव की रहने वाली हैं और अब भोपाल में रहती हैं। साध्वी उर्फ रीना रघुवंशी 2022 में खेजड़ा तिला गांव से सरपंच का चुनाव भी लड़ चुकी है। रीना के माता-पिता ने बताया कि वह घर में सबसे बड़ी है। उसकी एक बहन और एक छोटा भाई है। रीना की पढ़ाई विदिशा में हुई है। छोटी बहन की शादी भोपाल में हुई थी। उसके पति फार्मा इंडस्ट्री में हैं। फिलहाल वे साउथ अफ्रीका में हैं। भाई हर्ष भोपाल में है।
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शादीशुदा है साध्वी
रीना के माता-पिता ने ये भी बताया कि इंदौर में उसकी शादी हुई थी। शादी के करीब 5 महीने तक वह ससुराल में रही। उसके बाद लौटकर आई तो फिर वापस नहीं गई। हालांकि साध्वी उर्फ रीना ने इस बात को साफ तौर से नकार दिया। साध्वी ने बताया कि उसकी इंदौर में सिर्फ सगाई हुई थी शादी नहीं। साध्वी लक्ष्मीदास का ये भी कहना है कि उनका परिवार से कोई लेना-देना नहीं है।
साध्वी की शिक्षा
साध्वी के बताए अनुसार, उन्होंने 2011 में एनएलआईयू (नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी) से एलएलबी पास की है। हालांकि एनएलआईयू में 3 साल का कोई ग्रेजुएशन कोर्स ही नहीं है। यहां क्लेट से दाखिला मिलता है। साध्वी ने आगे बताया कि वे आईआईएम कोलकाता से 2011की पास आउट है।
खास बात ये है कि इसी दौरान वह निजी इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी भी कर रही थी। वह खुद को कंपनी का वाइस प्रेसिडेंड बताती थी लेकिन कंपनी के स्टाफ ने बताया कि वह नौकरी छोड़ने के पहले तक ब्रांच हेड के रूप में काम कर रही थी।
2010 में ली दीक्षा
साध्वी लक्ष्मीदास ने बताया कि उन्होंने 2010 में ही दीक्षा ले ली थी, लेकिन घर-परिवार की जिम्मेदारी के चलते वह परिवार के साथ रह रहीं थी। फिर 2020 में उसने विधिवत अपना नाम रीना रघुवंशी से बदलकर साध्वी लक्ष्मीदास कर दिया।
महंत कनकबिहारी दास से जुड़ाव पर कहा कि मेरे पिता 2010 से उनसे जुड़े थे। महंत कनकबिहारी दास का घर आना-जाना था। मैं 2020 से ही साध्वी हो गई। महंत कनकबिहारी दास के कहने पर ही विवाह विच्छेद किया था।
कनकधाम के वरिष्ठ सदस्य चक्रपाल पटेल ने बताया कि 2022 में विदिशा के गमाकर गांव में कनकबिहारी दास महाराज यज्ञ करने पहुंचे थे, उसी दौरान लक्ष्मी उनके संपर्क में आई थी। लक्ष्मी पर आश्रम से जुड़े दूसरे लोगों को पहले से ही संदेह था।
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में उत्तराधिकारी हूँ और रहूंगी
रीना के भाई ने रीना के हवाले से बताया कि मैं (रीना उर्फ साध्वी लक्ष्मीदास) ही कनकबिहारी दास की उत्तराधिकारी हूं। लगातार उनकी सेवा में उस मंदिर में सेवा करती आई हूं। मैं अयोध्या से जुड़ी हुई हूं। देश के अलग-अलग कोने में राम मंदिर में भगवान राम को लगे प्रसाद का मैंने वितरण किया है।
मैं एक साध्वी हूं और मेरे लिए छिंदवाड़ा के चौरई क्षेत्र के लोगों ने दुष्प्रचार किया है। एक साध्वी के जीवन में इस तरह से आरोप लगाना गृहस्थ लोगों को शोभा नहीं देता। यदि मैंने किसी भी तरीके से नियम-कानून के बिना वित्तीय लेन-देन किया है तो मैं अपना पक्ष रखूंगी। ये जांच का विषय है। मैं कनकबिहारी दास की उत्तराधिकारी हूं और रहूंगी।
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अब जानिए क्या है पूरा मामला
साध्वी लक्ष्मीदास फर्जी उत्तराधिकारी बनकर संत कनक बिहारी महाराज के बचत खाते से कब 90 लाख लेकर भाग गई। महंत ने जब खाते की डिटेल निकाली तब पता चला कि अकाउंट खाली है। संत कनक बिहारी महाराज के लोनिकला आश्रम के महंत श्याम दास ने बताया कि एक साल पहले अयोध्या से लौटते समय सड़क दुर्घटना में संत का निधन हो गया था। उन्होंने मुझे आश्रम का उतर्राधिकारी घोषित किया था। इसके अलावा किसी को भी उत्तराधिकार के अधिकार नहीं दिए थे।
फर्जी नॉमिनी बनकर उड़ाए 90 लाख
दरअसल, आश्रम को भी महाराज के इस बचत खाते की जानकारी नहीं थी। साध्वी लक्ष्मी को इस खाते के बारे में मालूम था, लेकिन उसने आश्रम प्रबंधन से कभी इसकी चर्चा नही की। चुपके से ही खाते से रकम निकालने के जुगत में लगी रही। मामला जब उत्तराधिकार प्रमाण पत्र का आया तब न्यायालय की कार्रवाई के दौरान यह खाता संज्ञान में आया।
आश्रम ने साध्वी के उत्तराधिकार आवेदन पर न्यायालय के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी और 12 सितंबर को सुनवाई होना था, लेकिन इसके पहले ही साध्वी ने ब्रम्हलीन संत कनक बिहारी महाराज के चौरई स्टेट बैंक शाखा के बचत खाते की फर्जी नॉमिनी बनकर 90 लाख की राशि का आहरण किया और तब से ही फरार है।
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