मध्यप्रदेश के सागर में हाईवे को जाम कर दिया है। हाईवे जाम करने का कारण मेहर गांव में उल्टी-दस्त का प्रकोप है। इससे 2 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 500 लोग बीमार हैं। उल्टी दस्त से मौतों के बाद मंगलवार 8 जुलाई को गांव और आसपास के लोग गुस्सा उठे। लोग रोड पर बैठ गए और सागर हाईवे जाम कर दिया।
जिला कलेक्टर ने किया गांव का दौरा
सागर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर झांसी-सागर रोड पर मेहर गांव में कई लोग उल्टी-दस्त का शिकार हो गए है। पहले एक आदिवासी परिवार इसकी चपेट में आया जिसके बाद पूरे गांव में करीब 500 से ज्यादा लोगों को ये समस्या होने लगी। जिला चिकित्सालय और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में गांव के करीब 60 लोग भर्ती हो गए, जहां सभी इलाजरत हैं।
टेंपरेरी हॉस्पिटल की व्यवस्था
उल्टी-दस्त का शिकार लोगों के लिए प्रशासन ने गांव में टेंपरेरी हॉस्पिटल की व्यवस्था करने के साथ-साथ बीमार लोगों को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल सागर में भर्ती किया है।
दूषित पानी के कारण हो सकती है बीमारी
गांव के बोर का दूषित पानी के कारण लोगों के बीमार होने की आशंका है, जिसे बंद कर दिया गया है। फिलहाल गांव में डॉ. तैनात किए हैं। जो बीमार लोगों का इलाज कर रहे हैं और घर-घर जाकर लोगों की तबियत का हालचाल जान रहे हैं। फिलहाल गांव में पानी की व्यवस्था के लिए अलग से टैंकर भेजे जा रहे हैं और गांव के साफ कुओं और बोर से पानी की सप्लाई की जा रही है।
दस्त या डायरिया क्या है
लोग अक्सर डायरिया और दस्त को एक दूसरे के पर्यायवाची मान लेते है। हालांकि दस्त और डायरिया दोनों में पतली टट्टी ही आती है, जब किसी व्यक्ति को पतली टट्टी आती है तो उसे दस्त कहते है, यदि उसी व्यक्ति को दिन में 3 बार से अधिक बार दस्त होते है तो इस स्थिति को डायरिया कहते हैं।
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डायरिया तब होता है जब व्यक्ति की आंते ठीक तरह से काम नहीं करती और बड़ी आंत से मल जल्दी बाहर निकल जाता है, जिस कारण डायरिया या दस्त की समस्या होती है। डायरिया में हमारी टट्टी पतली पानी की तरह हो जाती है। डायरिया या दस्त सामान्यतः 2 से 3 दिन तक किसी भी व्यक्ति के साथ बने रहते है, लेकिन यदि यह इस सामान्य अवधी से अधिक समय तक रहे तो यह एक चिंता का विषय बन जाता है
डायरिया के लक्षण
- दिन में 3 बार से अधिक दस्त लगना
- टट्टी की फ्रीक्वेंसी में अनिरंतरता
- मूत्र कम और गाढ़ा आना
- पेट में दर्द
- खुनी टट्टी
- डिहाइड्रेशन
- नौसिया और उल्टी की अनुभूति
- सूखा या शुष्क जुबान
- प्यास अधिक लगना
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डायरिया होने के कारण
- वायरस इन्फेक्शन
- बैक्टीरिया के द्वारा दस्त या डायरिया
- खराब भोजन
- चिंता और एंग्जायटी
- आंतो में जलन और इन्फेक्शन
- किसी अन्य बीमारी की दवा चल रही हो
- हाइजीन में कमी
- शराब का अत्यधिक सेवन
- अस्वस्थ भोजन का सेवन
- डायबिटीज या मधुमेह से ग्रसित हो
- कब्ज़ की दवा चल रही हो
- फ़ूड पोइशनिंग
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डायरिया से समस्याएं
- डिहाइड्रेशन (डिहाइड्रेशन होने से बच्चो की जान चली जाती है)
- बुखार
- अधिक वजन गिर जाना
- नौसिआ अथवा उलटी आना
- हार्ट रेट बढ़ना
- आंतो का इन्फेक्शन
- पेट में दर्द उठना
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डायरिया या दस्त में क्या करे और क्या न करे?
- प्रचुर मात्रा में पानी पिए
- दस्त होते ही तुरंत एक गिलास पानी का सेवन करे
- सामान्य ताप पर ही पानी पिए, ज्यादा गर्म व ज्यादा ठंडा पानी डायरिया के लिए ठीक नहीं है
- कैमोमाइल की चाय और नींबू की चाय पिए
- शराब का सेवन बंद करे
- सेब का जूस छोड़कर अन्य फलो का जूस पिए
- तले-भुने भोजन का सेवन बंद करे
- प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फ़ूड न खाये
- दही व छाछ के अतिरिक्त अन्य दुग्ध उत्पादों का सेवन न करे
- जिस भोजन से गैस हो उनका सेवन न करे
- खिचड़ी और दलया जैसा हल्का भोजन करे
- केले और सेब के जाम बनाकर खाएं