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सागर के संत रविदास मंदिर का निर्माण 1 सितंबर 2023 को भूमिपूजन के बाद शुरू किया गया था। सागर के बड़तूमा क्षेत्र में 101 करोड़ रुपए की लागत से देश का सबसे बड़ा संत रविदास मंदिर और कला संग्रहालय आकार ले रहा है। 11 एकड़ में नागर शैली में बन रहे इस भव्य मंदिर का लगभग 50-60% काम पूरा हो चुका है और इसका रूप साफ नजर आने लगा है।
मंदिर का निर्माण अगस्त 2025 तक पूरा होना था, लेकिन बजट की कमी की वजह से काम रुक गया है। अब इसके 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। मंदिर परिसर में 10 हजार वर्गफीट में संत रविदास महाराज का मंदिर बनाया जा रहा है
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राजस्थान के पत्थर का किया जा रहा इस्तेमाल
इस मंदिर को बनाने में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। लोहे की जगह राजस्थान के भरतपुर के रुदावल क्षेत्र से लाए गए वंशी पहाड़पुर के पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें इसी पत्थर का इस्तेमाल अयोध्या में रामलला के मंदिर को बनाने में भी हुआ था।
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बजट खत्म होने से निर्माण काम हुआ प्रभावित
मंदिर निर्माण के लिए सरकार ने 25 करोड़ रुपए की पहली किश्त जारी की थी, जो खत्म हो चुकी है। इससे दिसंबर से काम धीमा हो गया है। राजस्थान से आए कई कारीगर वापस लौट गए हैं, अब सिर्फ 15 कारीगर पत्थरों को तराशने का काम कर रहे हैं।
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50 फीसदी से ज्यादा काम हुआ पूरा
मध्य प्रदेश टूरिज्म के इंजीनियर पवन धाकड़ के मुताबिक, मंदिर का 50-60% निर्माण पूरा हो चुका है। गर्भगृह का निर्माण गुलाबी और लाल पत्थरों से हो रहा है, लेकिन बजट की कमी के कारण काम रुक गया है। सरकार से बजट जारी करने की मांग की गई है।
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ऐसे हो रहा निर्माण कार्य
- मंदिर के सामने एक बड़ा जलकुंड बनाया जा रहा है।
- डोरमेट्री और भक्त निवास की दो मंजिलें बन चुकी हैं।
- बाउंड्री वॉल और कुंड का निर्माण जारी है।
- टॉयलेट ब्लॉक, लाइब्रेरी और कैफेटेरिया का काम लगभग पूरा हो चुका है।
विशेषताएं:
- मंदिर परिसर में संत रविदास सांस्कृतिक एकता न्यास बनाया जाएगा।
- मंदिर का शिखर खास होगा और Sant ravidas की मूर्ति कमल पुष्प पर स्थापित होगी।
- संत रविदास के जीवन से जुड़ी घटनाओं को दिखाने के लिए एक आधुनिक संग्रहालय बनाया जाएगा।
- इसमें मध्यप्रदेश के अन्य संतों के जीवन और शिक्षाओं को भी शामिल किया जाएगा।
- भक्तों के ठहरने के लिए 15 कमरों वाला निवास बनाया जा रहा है, जहां 80 लोग रह सकेंगे। सुरक्षा के लिए पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
भक्तों के लिए निवास और दूसरी सुविधाएं
भक्तों की सुविधा के लिए 12 हजार 500 वर्गफीट में एसी वाले 15 कमरे बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, 80 लोगों के ठहरने के लिए डोरमेट्री और 15 हजार वर्गफीट में फूड कोर्ट बनाया जा रहा है। मंदिर के प्रवेश द्वार के पास 1 हजार 940 वर्गफीट में दो विश्राम स्थल (गजीबो) भी बनाए जाएंगे।
पूरा मंदिर परिसर संत रविदास महाराज के जीवन से जुड़े प्रसंगों से सजाया जाएगा। म्यूरल स्कल्प्चर और दूसरे कलाकृतियों के जरिए भक्तों को उनके संदेशों से परिचित कराया जाएगा। यह मंदिर बनने के बाद देशभर में एक बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनेगा।
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