प्रदेश के शिक्षा विभाग ने सार्थक ऐप (Sarthak App) के दुरुपयोग को देखते हुए चार प्रोफेसर निलंबित किए गए हैं। इन प्रोफेसरों ने अपने कार्यस्थल की बजाय घर से उपस्थिति दर्ज की, जो विभाग के नियमों का उल्लंघन था। इस कार्रवाई के बाद उन्हें मुख्यालय भेजा गया है।
विदिशा के लाल बहादुर शास्त्री शासकीय महाविद्यालय की प्रोफेसर साधना झा, गंजबासौदा के शासकीय कन्या महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य सोहन कुमार यादव, अतिरिक्त संचालक और सहायक प्राध्यापक राजीव शुक्ला और श्योपुर के शासकीय विधि महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य सुनीता यादव को निलंबित किया गया है। इन सभी ने सार्थक ऐप के माध्यम से घर से उपस्थिति दर्ज की थी, जो नियमों का उल्लंघन है।
शिक्षा विभाग का सख्त रुख
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी प्रोफेसरों को सार्थक ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने के लिए कार्यस्थल पर होना अनिवार्य किया गया है। अगर इस नियम का उल्लंघन होता है, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले भी विभाग ने कई अतिथि विद्वानों को इस तरह के दुरुपयोग के कारण बर्खास्त किया था।
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भविष्य के लिए दिशा-निर्देश
शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि भविष्य में ऐसे मामलों में और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को चेतावनी दी है कि वे सुनिश्चित करें कि सार्थक ऐप के जरिए उपस्थिति केवल सही तरीके से दर्ज की जाए।
क्या है सार्थक ऐप?
सार्थक ऐप (Sarthak App) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा विकसित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। ऐप का मुख्य उद्देश्य राज्य के शैक्षिक संस्थानों में प्रोफेसरों और अन्य शिक्षकों की उपस्थिति को ट्रैक करना है।
यह ऐप शिक्षा विभाग के द्वारा लागू किया गया है, ताकि स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की उपस्थिति की पारदर्शिता और सही तरीके से निगरानी रखी जा सके।
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क्यों जरूरी है ऐप?
सार्थक ऐप के माध्यम से शिक्षकों को अपने कार्यस्थल पर डिजिटल अटेंडेंस करने की आवश्यकता होती है। इसे डिजिटल रूप से ट्रैक किया जाता है, जिससे न केवल उपस्थिति की सत्यता सुनिश्चित होती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि शिक्षक कार्यस्थल पर उपस्थित हैं।
हालांकि, इसका दुरुपयोग भी सामने आया है, जहां कुछ शिक्षकों ने घर से ही उपस्थिति दर्ज कराई, जो नियमों का उल्लंघन था। इससे जुड़े मामलों में कार्रवाई भी की गई है। यह ऐप शिक्षा क्षेत्र में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
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