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मध्य प्रदेश के सतना जिले को एक अलग संभाग बनाए जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। राज्य सरकार की मंत्री प्रतिमा बागरी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस संबंध में एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने तर्क दिया है कि वर्तमान में रीवा संभाग में छह जिले शामिल हैं, जिससे इसका भौगोलिक क्षेत्र बहुत विस्तृत हो गया है। ऐसे में सतना, मैहर और पन्ना जिलों को मिलाकर एक नया सतना संभाग बनाया जाना चाहिए। मध्य प्रदेश में इस समय कुल 10 संभाग हैं—भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा, ग्वालियर, नर्मदापुरम, सागर, शहडोल, उज्जैन और चंबल। यदि सतना को नया संभाग घोषित किया जाता है, तो यह राज्य का 11वां संभाग होगा।
मैहर के जिला बनने के बाद संभाग की मांग क्यों बढ़ी?
सतना जिले से मैहर को अलग कर एक नया जिला बनाए जाने के बाद, सतना को संभाग बनाने की मांग और भी तेज हो गई है। यह मांग केवल आम जनता और जनप्रतिनिधियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसे सरकार के भीतर से भी समर्थन मिल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव से पहले मैहर को एक नया जिला घोषित किया था। अब, इस नए जिले के बनने के बाद, प्रशासनिक दृष्टि से सतना को एक नया संभाग बनाने की जरूरत महसूस की जा रही है।
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राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी ने मुख्यमंत्री को पत्र क्यों लिखा?
राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखते हुए सतना को नया संभाग बनाने की आवश्यकता जताई है। उन्होंने इस पत्र में उल्लेख किया कि रीवा संभाग और सागर संभाग में प्रत्येक में छह जिले हैं, जिससे यह क्षेत्रफल के लिहाज से बहुत बड़ा हो गया है। ऐसे में लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। उन्होंने अपने पत्र में यह भी लिखा कि मुख्यमंत्री ने सतना प्रवास के दौरान इस मुद्दे पर ध्यान दिया था और इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए थे।
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संभाग बनने से क्षेत्रवासियों को क्या लाभ होगा?
यदि सतना को नया संभाग बनाया जाता है, तो इससे स्थानीय प्रशासन अधिक प्रभावी हो जाएगा। वर्तमान में रीवा संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों को कई बार प्रशासनिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि संभागीय मुख्यालय रीवा में स्थित है, जो कई क्षेत्रों से काफी दूर है। यदि सतना को नया संभाग बनाया जाता है, तो इससे सतना, मैहर और पन्ना जिलों के निवासियों को अपने प्रशासनिक कार्य निपटाने में आसानी होगी। साथ ही, इससे क्षेत्र के विकास कार्यों में भी तेजी आएगी।
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क्या सरकार इस मांग पर विचार करेगी?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पहले ही इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है या नहीं। यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो सतना मध्य प्रदेश का 11वां संभाग बन जाएगा, जिससे न केवल प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होगी बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
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