BHOPAL. मध्यप्रदेश के हरदा में हुए पटाखा ब्लास्ट ने सबको दहला कर रख दिया है। बलास्ट होने के बाद जब भोपाल की पटाखा फैक्ट्री, गोडाउन और दुकानों की जब जांच हुई तो अफसरों की आंखें भी खुल गई। इस जांच में पता चला कि कहीं स्टॉक से अधिक पटाखें मिले तो कहीं नियम-कायदे ताक में रख दिए गए।
हरदा ब्लास्ट पर विधानसभा में कांग्रेस का हल्ला बोल, सदन से वॉकआउट
12 गोडाउन किए सील
जांच रिपोर्ट में भी बैरागढ़ एसडीएम आदित्य जैन ने इसे खतरनाक बताया है। यही स्थिति जामुनिया स्थित गोडाउन में देखने को मिली। यहां रहवासी इलाके में गोडाउन है। जहां कई क्विंटल पटाखे रखे जाते हैं। एसडीएम आशुतोष शर्मा जब जांच करने यहां पहुंचे तो स्टॉक रजिस्टर ही नहीं मिला। इसलिए 12 गोडाउन सील कर दिए गए। एसडीएम जैन ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश के बाद हलालपुर पहुंचकर दुकानों की जांच की। यहां कुल 13 होल सेल दुकानें हैं। जहां से करीब 150 किलोमीटर के दायरे में पटाखा पहुंचता है। एसडीएम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई दुकानें सील कर दी।
हरदा के नए कलेक्टर होंगे आदित्य सिंह, एसपी होंगे अभिनव चौकसे
शादियों में तिशबाजियों से हो सकती है दुर्घटना
रिपोर्ट में लिखा गया है कि 'हलालपुर स्थित पटाखा मार्केट से लगकर रहवासी क्षेत्र है। वहीं, मैरिज गार्डन भी कुछ दूरी पर ही है। मार्केट में आवागमन के लिए एक ही रास्ता होने, दुकानों के बीच पर्याप्त अंतर नहीं होने, फायर फाइटर और फायर बिग्रेड की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में दुर्घटना के समय आपातकाल में बचाव किया जाना संभव नहीं है। मैरिज गार्डन में शादी के समय हमेशा आतिशबाजी होती है। इससे दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ जाती है।' साथ ही रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि 'भोपाल-इंदौर मुख्य मार्ग से लगी अन्य दुकान जैसे सोनी पटाखा, कालू पटाखा, दीपक पटाखा दुकानें हैं। यहीं पर होटल, शादी हॉल और पेट्रोल पंप है। इससे दुर्घटना की संभावना है। राज पटाखा और आरके पटाखा दुकानें समेत चार गोडाउन रिहायसी क्षेत्र में है। वहीं, इनसे मैरिज गार्डन भी जुड़े हैं।
हरदा फैक्टरी के अग्रवाल के 12 लाइसेंस, कलेक्टर की 1 पर ही कार्रवाई
1997 तक कबाड़खाना में था पटाखा बाजार
सन 1997 तक थोक पटाखा बाजार शहर के कबाड़खाना में होता था। एक हादसे के बाद प्रशासन ने पटाखा वालों को हलालपुर में पटाखा बेचने के लिए जगह दी थी। उस समय यहां लोगों की संख्या अधिक नहीं थी। लेकिन वर्तमान में अब यहां बड़ी आबादी के साथ कुछ दूरी पर पेट्रोल पंप और रहवासी इलाका और कॉम्प्लेक्स हैं। बता दें कि हुजूर एसडीएम शर्मा ने भी गुरुवार को रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी। इसमें उन्होंने जमुनिया स्थित 12 पटाखा गोडाउन को गैर रहवासी इलाके में शिफ्ट करने की बात कही है। एसडीएम शर्मा का कहना है कि ये गोडाउन उस समय बने थे, जब यहां रहवासी इलाका नहीं था, लेकिन अब रहवासी क्षेत्र हो गया है। इसलिए गोडाउन को हटाने का प्लान है।
Harda Blast: अफसर भी हैं हत्यारे, इनका लालच बारूद बनकर फटा
कई पटाके सेंटर्स को किए सील
भोपाल से 17 किलोमीटर दूर रतुला गांव में मीना फायर वर्क्स के नाम से पटाखा फैक्ट्री है, जिसे बैरसिया एसडीएम विनोद सोनकिया ने सील कर दिया। एसडीएम सोनकिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि निरीक्षण में इस फैक्ट्री में बिजली वायरिंग की व्यवस्था असुरक्षित पाई गई। फैक्ट्री से 30 मीटर की दूरी पर ग्राम चौकीदार और उसके परिवार का मकान है। फैक्ट्री से लगकर दोपहिया वाहन रखे जाते हैं। इन कमियों पर उक्त फैक्ट्री से कच्चा पाउडर बाहर निकलवाकर उसे सील कर दिया गया। फैक्ट्री मालिक को सख्त हिदायत दी गई है कि भविष्य में उक्त स्थल पर विस्फोटक कैमिकल नहीं रखें। न ही किसी प्रकार के पटाखों का निर्माण किया जाए और जल्द ही परिसर में मजदूर परिवार का मकान भी खाली करवाकर उसे सुरक्षित स्थान पर आवास दिया जाए। गोविंदपुरा एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने निशतपुरा की मुस्कान पटाखा सेंटर को सील कर दिया। इसके अलावा वैरायटी फायर वर्क्स पटाखा सेंटर को भी सील किया गया है।