SDOP Santosh Patel : एसडीओपी संतोष पटेल ने अपने बेटे का बर्थडे अनोखे तरीके से मनाया। उनके बेटे की इस बर्थडे पार्टी में कोई वीवीआईपी और रसूखदार नहीं था। अपने बेटे की बर्थडे पार्टी में एसडीओपी पाटील घुमंतू परिवारों के बच्चों को ई-रिक्शा में बिठाकर अपने साथ होटल ले गए और यहां केक कटवा कर बर्थडे सेलिब्रेट किया। इसके अलावा बर्थडे की पार्टी मनाते हुए न केवल खाना खिलाया, बल्कि जरूरतमंद बच्चों ने होटल में पहुंचकर डांस करते हुए मस्ती भी की।
घुमंतू बच्चों के साथ डांस किया, मस्ती भी की
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पदस्थ सब डिवीजनल पुलिस ऑफिसर (SDOP) संतोष पटेल ने अपने 1 साल के बेटे का जन्मदिन घुमंतू परिवारों के बच्चों के साथ मिलकर मनाया। अपने कार्यशैली को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। एक बार फिर से संतोष पटेल ने ऐसा कुछ कर दिया है कि वे सुर्खियों में आ गए हैं। एसडीओपी अपने बेटे के बर्थडे पर गरीब बच्चों को ई-रिक्शा में बिठाकर अपने साथ होटल ले गए और यहां केक कटवा कर बर्थडे सेलिब्रेट किया। इसके अलावा घुमंतू बच्चों को बर्थडे की पार्टी मनाते हुए न केवल खाना खिलाया, बल्कि जरूरतमंद बच्चों ने होटल में पहुंचकर डांस करते हुए मस्ती भी की।
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घुमंतू समुदाय के परिवार के हैं बच्चे
11 जून को एसडीओपी बेहट संतोष पटेल के बेटे रोशन का पहला जन्मदिन था। अपने 1 साल के बेटे की जन्मदिन की पार्टी मनाने के लिए पुलिस अधिकारी ने अनूठा तरीका सोचा। एसडीओपी संतोष पटेल के कार्यालय के सामने घुमंतू समुदाय के परिवार रहते हैं। इन्हीं परिवारों के बच्चे एसडीओपी के कार्यालय में पानी भरने के लिए आते हैं। एसडीओपी संतोष पटेल ने बताया कि अक्सर वे बच्चों से बात किया करते हैं। उन्हें इस बात का मालूम है कि यह बच्चे पढ़ने-लिखने नहीं जाते हैं। अपने बेटे के जन्मदिन की खुशी को एसडीओपी ने बच्चों के साथ शेयर करने का निर्णय लिया।
बच्चों के देने के लिए कॉपी किताब भी खरीदी
संतोष पटेल इन सभी बच्चों को लेकर हाइवे स्थित एक शानदार होटल में पहुंचे। पत्नी और मासूम बेटे की मौजूदगी में एसडीओपी ने केक काटकर बच्चों को खिलाया। इसके अलावा होटल में बच्चों ने जमकर डांस करते हुए मस्ती भी की। एसडीओपी ने कहा, हमें तड़क-भड़क वाली पार्टी में पैसा खर्च करने की बजाय जरूरतमंद लोगों के साथ अपना बर्थडे मनाने चाहिए जिससे समाज में एक अच्छा संदेश जाता है। SDOP ने बताया कि उन्होंने कुछ कॉपी किताब समेत अन्य पढ़ाई लिखाई का सामान भी खरीदा है, जो वह इन बच्चों को वितरित करेंगे।
एसडीओपी का कहना है कि अगर इन बच्चों में से एक भी बच्चा पर लिखकर आगे बढ़ जाता है तो इससे उसके परिवार की आने वाली पीढ़ी का भविष्य संवर जाएगा। इस दिशा में वे लगातार प्रयास कर रहे हैं।