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Photograph: (The Sootr)
MP News. मध्य प्रदेश में एक गंभीर घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें पर्यावरण विभाग के अधिकारी खनिज माफिया के साथ गठबंधन कर आपराधिक षड्यंत्र रच रहे हैं। यह मामला अब मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुंच चुका है। मामला इतना गंभीर है कि पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत मोहन कोठारी और SEIAA की सदस्य सचिव उमा माहेश्वरी के खिलाफ FIR की अनुशंसा की है। चलिए इस मामले को परत- दर- परत खोलते हैं…
क्या है सिया का पूरा मामला, ऐसे समझें
मध्य प्रदेश में पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव आईएएस नवनीत मोहन कोठारी और सिया की सदस्य सचिव आईएएस उमा महेश्वरी आर के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने पर्यावरणीय अनुमति जारी करने में गड़बड़ी की और खनिज माफियाओं से मिलकर पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन किया। 237 पर्यावरणीय अनुमति जारी की गईं, जिनमें से कई अनुमति नियमों के खिलाफ थीं।
इस संबंध में thesootr ने पहले भी कई बड़े खुलासे किए थे, इन लिंक पर क्लिक करके आप विस्तार से जान सकते हैं...
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चेयरमैन ने ही भेजा CS के पत्र
सिया (राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण) के चेयरमैन ने मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा है, जिसमें अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। पत्र में आरोप है कि प्रमुख सचिव और सदस्य सचिव ने जानबूझकर पर्यावरणीय नियमों को तोड़ा और माफियाओं से मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचा। सिया (SEIAA ) के चैयरमेन शिवनारायण सिंह चौहान द्वारा मुख्य सचिव अनुराग जैन को 9 जुलाई को एक पत्र लिखा गया है।
इस पत्र में मध्य प्रदेश में पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन और राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) में लगातार हो रही अनियमितताओं को उजागर किया गया है। पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत मोहन कोठारी और सचिव आईएएस के खिलाफ FIR दर्ज करवाने की अनुशंसा की गई है।
देखें चैयरमेन शिवनारायण सिंह चौहान का पत्र…
बदल दिए खनिज के नाम और मात्रा भी…
इस पत्र के 6 नंबर बिंदु में सबसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि अध्यक्ष यानि शिवनारायण सिंह चौहान द्वारा बैठक का दिनांक एवं समय निर्धारित कर देने की बावजूद गंभीर लापरवाहियां बरती गईं। जैसे…
- बैठक की सूचना जारी नहीं करना
- Agenda का अनुमोदन प्राप्त नहीं करना
- Agenda तैयार करने में भारत सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करना
- SEIAA की बैठकों के निर्णयों को बदल देना
- आवेदक का नाम, पता बदल देना, खनिज की मात्रा एवं नाम बदल देना
जिन प्रकरणों को SEIAA द्वारा EC स्वीकृत कर दी गई है, उनमें EC जारी नहीं करना
जिन प्रकरणों को Appraisal के लिए SEIAA के समक्ष ही प्रस्तुत नहीं किया गया उनमें स्वयं सदस्य सचिव एव प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन पर्यावरण विभाग द्वारा EC जारी कर देना, कानून के उल्लंघन की पराकाष्ठा है। यह अराजकता की स्थिति है। यह स्वेच्छा धारित, निरंकरता एवं अहंकार की भी पराकाष्ठा है।
सिया में पर्यावरणीय अनुमति का खेल
सिया द्वारा पर्यावरणीय अनुमति जारी करने की प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी सामने आई है। कई मामलों में बिना बैठक किए और बिना उचित जांच के डीम्ड अनुमति (स्वीकृति) जारी की गई है। साथ ही, बैठकें नहीं बुलाने और कानूनी प्रावधानों की अनदेखी की जा रही है। यह सब अधिकारियों के दबाव और गड़बड़ियों के कारण हुआ है।
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
सिया के चेयरमैन ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि पर्यावरणीय अनुमति देने के मामले में पूरी प्रक्रिया में हेरफेर की गई है और इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की है।
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