अल्लाह हू अकबर के नारों से गूंजा एमपी का सरकारी स्कूल, गीता पाठ के बाद मचा बवाल

सिवनी के सरकारी स्कूल में बच्चों से अल्लाह हू अकबर के नारे लगवाने के बाद बवाल मच गया। प्रिंसिपल पर नारे लगवाने के आरोप हैं। उस पर कार्रवाई की मांग भी की गई है।

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Sourabh Bhatnagar
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MP News:सिवनी में एक सरकारी स्कूल में बच्चों से 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगवाने को लेकर विवाद पैदा हो गया है। यह घटना अरी थाना क्षेत्र स्थित सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल की है।

मामले ने तूल तब पकड़ा जब बच्चों ने यह आरोप लगाया कि 1 दिसंबर को गीता पाठ के बाद उनसे 16 बार अल्लाह हू अकबर के नारे लगवाए गए। स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल प्रतीक्षा मानगढ़े ने सभी बच्चों पर यह नारे लगाने का दबाव डाला था।

मच गया बवाल

घटना के बाद बच्चों ने जब घर जाकर यह बात परिजनों को बताई, तो उनके परिवारों में बवाल मच गया। इसने विवाद का रूप ले लिया।

3 दिसंबर को बच्चों के अभिभावकों और हिंदूवादी संगठनों के लोग भी स्कूल पहुंचे। इन लोगों ने प्रिंसिपल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनकी बर्खास्तगी और सस्पेंशन की मांग की।

सिवनी के सरकारी स्कूल में हुए विवाद को शॉर्ट में समझें

  1. क्या हुआ था: सिवनी के सरकारी स्कूल में बच्चों से 1 दिसंबर को गीता पाठ के बाद अल्लाह हू अकबर का नारा लगवाया। इसे लेकर विवाद शुरू हो गया।

  2. बच्चों और अभिभावकों का विरोध: बच्चों ने यह बात घर पर बताई, जिसके बाद अभिभावकों और हिंदूवादी संगठनों ने स्कूल में विरोध प्रदर्शन किया। प्रिंसिपल के सस्पेंशन की मांग की गई।

  3. पुलिस और जिला शिक्षा अधिकारी की कार्रवाई: पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को शांत किया, और जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रिंसिपल को स्कूल से हटा कर जिला शिक्षा कार्यालय में अटैच कर दिया।

  4. प्रिंसिपल का बयान: प्रिंसिपल प्रतीक्षा मानगढ़े ने अपनी गलती स्वीकार की और कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था, बल्कि सर्वधर्म सद्भाव था।

  5. जांच टीम का गठन: जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच टीम गठित की है, जो रिपोर्ट के आधार पर प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

जिला शिक्षा अधिकारी ने लिया एक्शन

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। इसके बाद जिले के शिक्षा अधिकारी एसएस कुमरे भी स्कूल पहुंचे, जहां लोगों ने उनके खिलाफ भी नारेबाजी की।

इस पर, जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रभारी प्रिंसिपल प्रतीक्षा मानगढ़े से बातचीत की। उन्हें स्कूल से हटा दिया। उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच कर दिया गया।

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जांच टीम का गठन

वहीं, गांव के लोग प्रिंसिपल के निलंबन की मांग करने लगे। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने मौके पर ही एक जांच टीम का गठन किया।

जांच टीम की रिपोर्ट के बाद ही प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसएस कुमरे ने बताया कि उन्होंने खुद इस मामले की जांच करने के लिए स्कूल का दौरा किया।

प्रिंसिपल ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। वह सर्वधर्म सद्भाव को बढ़ावा देना चाहती थीं। उन्होंने सभी से माफी भी मांगी।

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मामले में आगे की कार्रवाई

सिवनी न्यूज: जिला शिक्षा अधिकारी एसएस कुमरे ने कहा कि पूरे मामले की गहन जांच की जाएगी और रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

इस समय तक प्रिंसिपल को स्कूल से हटा दिया गया है और उनका स्थान जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में किया गया है।

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