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Jhabua. मध्य प्रदेश पुलिस की खाकी पर लगातार दाग लग रहे हैं। भोपाल में डीएसपी के साले की पुलिस की पिटाई से मौत और सिवनी के हवाला कांड में पुलिस के जरिए की गई तीन करोड़ की लूट के बाद मामला थमा नहीं है। सिवनी जैसी ही पुलिस के जरिए लूट करने का एक गंभीर आरोप झाबुआ की थांदला पुलिस पर लगा है। इसमें कठघरे में एसडीओपी के साथ तीन-चार पुलिस अधिकारी हैं।
थांदला पुलिस ने लूटे 20 लाख रुपए
झांसी के आलोक एक्सप्रेस पार्सल सर्विस के मैनेजर आनंद सोनी ने झाबुआ एसपी को चार पन्नों की लिखित शिकायत दी है। साथ ही, जांच की मांग की है। इसमें अज्ञात पुलिस अधिकारियों को थांदला कांड का आरोपी बताया गया है। वहीं, आरोपी पर 20 लाख की लूट करने के आरोप लगाए गए हैं। कठघरे में संबंधित एरिया के एसडीओपी सहित चार पुलिस अधिकारी हैं।
शिकायत के बाद जांच का जिम्मा एडिशनल एसपी प्रतिपाल सिंह को सौंपा गया है। शिकायतकर्ता ने साफ लिखा है कि वह नाम से पुलिस अधिकारियों को नहीं पहचानते हैं। यदि पहचान कराते हैं, तो हम इन अधिकारियों को पहचान लेंगे। लेकिन जांच के दौरान अभी तक किसी तरह की पहचान नहीं कराई गई है।
पुलिस पर इस तरह लूट के आरोप
शिकायत में कहा गया है कि उनके जरिए कूरियर सर्विस दी जाती है। झांसी से राजकोट में ज्वेलरी की बुकिंग हुई थी, और इसके लिए 99 लाख रुपए की डिलीवरी की जानी थी। ये रकम 11 पैकेट में यूपी 93 सीटी 9721 नंबर के वाहन में रखकर 28 जुलाई को भेजी गई। इसमें कर्मचारी अजय गुप्ता, कैलाश रायकवार और ड्राइवर राजेश रायकवार थे।
28 जुलाई की शाम 6:50 बजे, वाहन पेटलावद से थांदला के लिए जा रहा था, तभी अज्ञात अधिकारियों ने उसे रोका और फिर कच्ची पगडंडी से ले गए। ये वाहन तीन घंटे बाद, रात 9:47 बजे थाने पहुंचा, जबकि थाने तक का रास्ता सिर्फ 17 मिनट का था। रास्ते में दो पैकेट, जिसमें 20 लाख रुपए थे, निकाल लिए गए। कर्मचारियों को बाद में हिरासत में लिया गया और 31 अगस्त को उन्हें रिहा कर दिया गया।
कर्मचारियों ने बाहर आकर बताया ऐसे हुई लूट
शिकायती पत्र में आगे लिखा है कि कर्मचारियों ने रिलीज होने के बाद हमें बताया कि पेटलावद से निकलने के बाद फोर्स कंपनी की एक कार हमारी कार के सामने आकर अड़ गई। हम उसे पार करके आगे बढ़ गए, फिर उस कार ने हमें ओवरटेक किया और रोक लिया। एक व्यक्ति उतरा और हमारी कार में बैठ गया, बाकी लोगों को दूसरे वाहन में बैठाया। इसके बाद उन्होंने कच्ची पगडंडी पर कार रोक दी।
कर्मचारियों के अनुसार, थोड़ी देर बाद पुलिस की बत्ती वाली गाड़ी आई, जिसमें तीन-चार लोग सादी वर्दी में थे। उन्होंने हमारी कार से दो पैकेट (20 लाख रुपए) निकाले और चले गए।
फिर शासकीय बोलेरो से एसडीओ साहब गाड़ी चेक करने आए और हमें थाने ले गए। यहां पुलिस ने धमकी दी कि अगर दो पैकेट की बात की तो मामला अच्छा नहीं होगा। फिर जब्ती में 99 लाख रुपए की जगह 79 लाख रुपए दिखाए गए।
इधर पुलिस ने जांच में क्लीन चिट देने की कर ली तैयारी
इधर सूत्रों के अनुसार पुलिस ने इस मामले में शिकायतकर्ता को ही घेर लिया है। पुलिस ने शिकायतकर्ता की पहली शिकायत ही खारिज कर दी। पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता पास पैकेट में 99 लाख रुपए होने के कोई दस्तावेज या सबूत नहीं हैं। ऐसे में यह आरोप कि राशि कम है यह सिद्ध नहीं होता है।
वहीं कहा गया है कि उनका वाहन तीन घंटे तक अलग-अलग लोकेशन पर ले जाया गया और फिर थाने लाया गया। साथ ही, जो जीपीएस दी वह क्रॉस चेक करने पर मैच नहीं हो रही है। जानकारी के अनुसार पुलिस जल्द ही मामले को दबाकर खाकी को क्लीन चिट देने जा रही है।
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क्या बोल रहे जांच अधिकारी
जांच अधिकारी एएसपी प्रतिपाल सिंह ने कहा कि हां शिकायत मिली है। इसकी जांच की जा रही है। अभी जांच पूरी नहीं हुई है, इसलिए इससे ज्यादा कुछ नहीं बता सकते हैं।
क्या है सिवनी हवाला कांड, एसडीओपी सस्पेंड
महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश के कटनी जा रही कार को सिवनी पुलिस ने 8 अक्टूबर को 1-2 बजे के बीच पकड़ा। इसमें हवाला की तीन करोड़ राशि थी। आरोप है कि पुलिस ने कथित तौर पर उनसे पैसे लेकर उन्हें डरा धमका कर भगा दिया और पैसे आपस में बांट लिए।
अगले दिन व्यापारी पैसे की जानकारी लेने थाना पहुंचा। उसके साथ पूरे दिन टालमटोल की गई। जब बात आला अधिकारियों तक पहुंची, तब 1.5 करोड़ रुपए वापिस कर दिए। मामले में DGP ने इन सबके पीछे जिम्मेदार अधिकारी पूजा पांडे (SDOP) को निलंबित कर दिया। साथ ही सात और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई।