शाजापुर में बड़ा साइबर क्राइम खुलासा: 13 युवतियों समेत 19 गिरफ्तार, कॉल सेंटर से करते थे लाखों की ठगी

शाजापुर में साइबर पुलिस ने एक मकान से 13 युवतियों और 6 युवकों समेत 19 लोगों को गिरफ्तार किया। यह गिरोह एडवाइजरी और शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी कर रहा था। पुलिस ने जांच के बाद फर्जी सिम कार्ड, कीपैड मोबाइल और बैंक अकाउंट जब्त किए हैं।

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Sanjay Dhiman
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cyber police action against Froud call centre in shajapur

Photograph: (the sootr)

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SHAJAPUR. मध्य प्रदेश में गुरुवार को साइबर पुलिस ने एक बड़े साइबर अपराध का पर्दाफाश किया। पुलिस ने गिरवर स्थित एक मकान पर छापेमारी कर 19 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोगों में 13 युवतियां और 6 युवक शामिल हैं। यह गिरोह लंबे समय से लोगों को ठगने का काम कर रहा था, खासकर एडवाइजरी और शेयर ट्रेडिंग के नाम पर।

ठगी का तरीका

मुख्य आरोपी साहिल मंसूरी और फईम गोरी ने एक अवैध कॉल सेंटर का संचालन किया था। इस सेंटर से फर्जी एडवाइजरी कॉल की जाती थी। पीड़ितों को भारी मुनाफे का लालच देकर उनसे पैसे जमा कराए जाते थे। इन ठगों ने लोगों से उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवा लिए।

साइबर पुलिस ने बताया कि गिरोह एक महीने में करीब 7 से 8 लाख रुपये की धोखाधड़ी करता था। हालांकि, सही रकम का पता पुलिस को बैंक स्टेटमेंट के आने के बाद ही चलेगा।

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शाजापुर में साइबर क्राइम गैंग पर कार्रवाई को ऐसे समझें 

  • शाजापुर में MP साइबर पुलिस ने गिरवर स्थित मकान पर छापेमारी कर 19 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 13 युवतियां और 6 युवक शामिल हैं।
  • मुख्य आरोपी साहिल मंसूरी और फईम गोरी ने फर्जी एडवाइजरी कॉल्स के जरिए लोगों को शेशेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी की।
  • पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी सिम कार्ड, कीपैड मोबाइल और बैंक अकाउंट जब्त किए, ठगी से 7-8 लाख रुपये की धोखाधड़ी होती थी।
  • शाजापुर पुलिस की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है, क्योंकि पुलिस को पहले ही ठगी के बारे में सूचना मिली थी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की।
  • साइबर पुलिस ने आरोपी से पूछताछ जारी रखी है, और जांच के बाद ठगी से जुड़ी सही जानकारी बैंक स्टेटमेंट से सामने आएगी।

फर्जी सिम और उपकरण जब्त

साइबर पुलिस ने आरोपी के पास से कई संदिग्ध दस्तावेज, फर्जी सिम कार्ड, कीपैड मोबाइल और बैंक अकाउंट जब्त किए हैं। यह गिरोह पिछले 7 से 8 महीने से सक्रिय था और फर्जी अकाउंट्स के जरिए ठगी कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में पूछताछ की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पुलिस की भूमिका पर सवाल

शाजापुर पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। जिस मकान में यह अवैध कारोबार चल रहा था, वहां के मकान मालिक ने पुलिस को पहले ही इसकी सूचना दी थी। बावजूद इसके पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके चलते अब शाजापुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

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गिरोह के खिलाफ जांच

साइबर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए जांच को आगे बढ़ाया है। डीएसपी लीना मारौठ ने कहा कि यह गिरोह लोगों को धोखा देने के लिए एडवाइजरी और शेयर ट्रेडिंग का नाम इस्तेमाल कर रहा था। पुलिस के लिए यह मामला काफी गंभीर है और आगे की कार्रवाई जारी है।

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