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Photograph: (the sootr)
BHOPAL. मध्य प्रदेश में सरकारी महकमों की भर्तियां किसी न किसी पेंच में उलझ ही जाती हैं। साल 2023 में हुई स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग की वर्ग 1 शिक्षक भर्ती का पचड़ा दो साल बाद भी नहीं सुलझा है। चयनित शिक्षक खुद को ठगा महसूस कर बार- बार प्रदर्शन कर रहे हैं।
सरकार आश्वासन दे रही है लेकिन नियुक्तियों की राह खुल ही नहीं रही है। प्रदेश में शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में 60 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। चयन परीक्षा पास कर चुके हजारों शिक्षक भटक रहे हैं। सरकार की चुप्पी के चलते बैकलॉग के पेंच में नियुक्तियां अटकी हुई हैं।
बैकलॉग की आड़ में वर्ग 1 शिक्षक भर्ती में गणित विषय के 900 शिक्षकों की नियुक्तियां दो साल से अधर में हैं। इन पदों पर चयन के बावजूद अभ्यर्थी इंतजार करने को मजबूर हैं। साल 2023 में आए नोटिफिकेशन में 8720 पदों पर वर्ग 1 के शिक्षकों की भर्ती आई थी। इसमें नवीन पद 5052 जबकि बैकलॉग पद 3608 थे। इनमें से 1362 पदों पर गणित विषय के शिक्षकों की भर्ती की जानी थी।
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दो साल बाद पद खाली फिर भी नियुक्ति नहीं
गणित विषय के 1362 पदों में स्कूल शिक्षा विभाग के 1214 और जनजातीय कार्य विभाग के 148 पद थे। जिन पर लोक शिक्षण संचालनालय ने 311 जबकि जनजातीय विकास विभाग द्वारा 100 शिक्षकों की नियुक्ति की है। जिसके बाद 951 पद अब भी खाली ही रह गए हैं। इन पर नियुक्ति के लिए चयनित अभ्यर्थी चक्कर काट रहे हैं। वहीं अधिकारी बैकलॉग की पाबंदी का बहाना बनाकर उन्हें टालते आ रहे हैं।
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गणित के शिक्षक के आगे बैकलॉग की उलझन
हांलाकि भर्ती का नोटिफिकेशन अधिकारियों के बहाने को उजागर कर रहा है। दरअसल नोटिफिकेशन में बैकलॉग की अतिथि शिक्षक कैटेगरी में 131 जबकि गैर अतिथि शिक्षक कैटेगरी में 393 पद सुरक्षित किए गए थे। ये पद पूर्व से खाली आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए हैं। दोनों श्रेणियों के पदों की संख्या 524 है। वहीं नियुक्ति के बाद खाली पदों की संख्या 951 है।
नोटिफिकेशन के आधार पर बैकलॉग के लिए सुरक्षित 524 को छोड़ दें तब भी 427 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ है। इन पदों पर नियुक्ति रोकने की कोई ठोस वजह भी अधिकारी नहीं बता रहे हैं।
योग्यता साबित करने के बाद काट रहे चक्कर
तीन साल पहले चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए सीएम मोहन यादव से लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री, जनजातीय कार्य मंत्री से कई बार गुहार लगा चुके हैं। अधिकारियों के चक्कर भी हर महीने काट रहे हैं।
इन अभ्यर्थियों का प्रतिनिधित्व कर रहे नीरज द्विवेदी, देवेश पालीवाल, वंदना पांडेय और अरुणेन्द्र सिंह परिहार का कहना है कई बार सरकार को वर्ग 1 भर्ती और नियुक्तियों की स्थिति से अवगत कराया जा चुका है। जिन पदों पर नियुक्ति में कोई बाधा नहीं है उनमें भी रोड़ा अटकाया जा रहा है।
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अधिकारियों की मनमानी से शिक्षकों से वंचित स्कूल
दो साल पहले शुरू हुई उच्च शिक्षक यानी वर्ग 1 भर्ती की प्रक्रिया अबतक पूरी न होने से सैंकड़ों स्कूल बिना शिक्षकों के चल रहे हैं। केवल गणित विषय के शिक्षकों की स्थिति को ही देखें तो नियुक्ति न होने से 427 स्कूलों को शिक्षक नहीं मिले हैं। जबकि ये शिक्षक अभ्यर्थी के रूप में अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं।
शिक्षकों की कमी का असर हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी कक्षाओं में अध्ययनरत छात्रों के परीक्षा परिणाम पर पड़ रहा है। अभ्यर्थी नीरज द्विवेदी का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में व्यवस्था की चूक और अधिकारियों की मनमानी साफ नजर आ रही है। एक और नियुक्ति प्रक्रिया एक साल के अंदर पूरी करने की गाइडलाइन है लेकिन वर्ग 1 भर्ती में अफसर ही नियम तोड़े बैठे हैं।
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