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Photograph: (the sootr)
INDORE. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), इंदौर की सक्रियता ने अपराधियों की नींदें उड़ा दी है। अब ईडी ने इंदौर में हुए 71 करोड़ के आबकारी घोटाले में स्पेशल कोर्ट इंदौर में मनी लाण्ड्रिंग के तहत चालान पेश कर दिया है। ईडी इस केस में 70 करोड़ के बाजार मूल्य की संपत्तियां अटैच कर चुकी है।
ED, Indore has filed a Prosecution Complaint (PC) before the Hon’ble Special Court (PMLA), Indore, in the case of “Liquor Fake Challan Scam “ on 29.11.2025 under PMLA, 2002. The Hon’ble Court has taken cognizance of the PC on 11.12.2025. pic.twitter.com/sIq2VXDLdW
— ED (@dir_ed) December 11, 2025
रावजी बाजार में दर्ज केस पर हो रही जांच
इंदौर के रावजी पुलिस स्टेशन ने शराब ठेकेदारों के खिलाफ सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की थी। आरोपी ठेकेदारों पर सरकारी चालानों में जालसाजी और हेरफेर करने का आरोप है।
इस केस में शराब ठेकेदारों के साथ ही अधिकारियों की भी मिलीभगत सामने आई थी। इसमें अधिकारियों की जांच भी विभाग स्तर पर जारी है। हालांकि ईडी ने अभी किसी भी अधिकारी को आरोपी नहीं बनाया है।
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इंदौर आबकारी घोटाला में ED की कार्रवाई को ऐसे समझें
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इस तरह किया गया पूरा घोटाला
आरोपी छोटी रकम के चालान तैयार करके बैंक में जमा करते थे। चालान के निर्धारित प्रारूप में "अंकों में रुपए" और "शब्दों में रुपए" लिखा होता था। रकम अंकों में भरी जाती थी, जबकि "शब्दों में रुपए" के लिए खाली जगह छोड़ी जाती थी।
रकम जमा करने के बाद, जमाकर्ता "अंकों में रुपए" की रकम में हेरफेर करके "शब्दों में रुपए" की खाली जगह में बढ़ी हुई रकम भर देते थे। इस तरह बढ़ाई गई रकम वाले चालानों की प्रतियां संबंधित देशी शराब गोदाम या विदेशी शराब के मामले में जिला उत्पाद शुल्क कार्यालय में जमा कर दी जाती थीं।
देशी शराब गोदाम या इंदौर स्थित जिला उत्पाद शुल्क कार्यालय में अधिकारी को चालान प्रस्तुत कर दिया जाता था। रकम को शराब शुल्क/मूल लाइसेंस शुल्क/न्यूनतम गारंटी के रूप में जमा करके, एनओसी प्राप्त कर ली जाती थी। इस प्रकार, कम शुल्क चुकाने के बावजूद अधिक शराब का स्टॉक जमा कर लिया जाता था। इससे सरकारी खजाने को नुकसान होता था।
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ईडी की जांच में यह आया
पीएमएलए जांच में यह साबित हुआ कि राजू दशवंत, अंश त्रिवेदी और अन्य शराब ठेकेदारों ने जालसाजी, धोखाधड़ी से प्राप्त 49 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की। इससे पहले, ईडी ने इस मामले में मुख्य आरोपी राजू दशवंत और अंश त्रिवेदी को गिरफ्तार किया था।
दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। जांच के दौरान, ईडी इंदौर ने अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया था। 21.18 करोड़ रुपए मूल्य की 28 अचल संपत्तियों (पीओसी) को कुर्क किया गया था। इन संपत्तियों का वर्तमान बाजार मूल्य 70 करोड़ रुपए से अधिक है। आगे की जांच जारी है।
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