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Photograph: (the sootr)
UJJAIN. मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर निगम ने संपत्ति कर वसूली में सख्त कदम उठाते हुए सरकारी संस्थाओं और बड़े बकायेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस कदम का मकसद शहर में संपत्ति कर की बकायेदारी को खत्म करना और सरकारी खजाने को भरा रखना है। नगर निगम ने बकाया संपत्ति कर जमा न करने पर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज पर ताला लगा दिया है।
सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज पर ताला
उज्जैन के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज पर करीब 1,01,20,000 रुपए का संपत्ति कर बकाया था। निगम के संपत्ति कर विभाग की टीम जब कॉलेज पहुंची, तो कॉलेज के प्राचार्य भोपाल में मौजूद थे। तब टीम ने प्रभारी प्राचार्य की उपस्थिति में कॉलेज पर ताला लगा दिया और संपत्ति को सील कर दिया। हालांकि, प्राचार्य ने वादा किया कि जल्द ही बकाया कर जमा कर दिया जाएगा।
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इन बकायेदारों की संपत्तियों पर तालेबंदी
इसके अलावा, नगर निगम ने अन्य सात बकायेदारों की संपत्तियों पर भी तालेबंदी की कार्रवाई की। इन बकायेदारों पर कुल 1.22 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति कर बकाया था। निगम ने यह कार्रवाई 13 दिसंबर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत से पहले की। जिन संपत्तियों पर ताले लगाए गए, उनमें प्रमुख नाम है:
नागझिरी में ठाकुर इंडस्ट्री – 3,76,168 रुपए बकाया
भील ठाकूर समाज संगठन जयसिंह पुरा – 1,96,358 रुपए बकाया
भीला गारी – 1,31,331 रुपए बकाया
लक्ष्मीनारायण मंदिर माली समाज भेरूलाल – 1,09,767 रुपए बकाया
बसंतीलाल भुवान सदावल मार्ग रामघाट – 80,588 रुपए बकाया
मोहम्मद इमरान खान श्रीपाल मार्ग – 68,498 रुपए बकाया
रामप्यारी परमार तिलक मार्ग – 27,808 रुपए बकाया
निगम की सख्त कार्रवाई
उज्जैन निगमायुक्त अभिलाष मिश्रा ने इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद बकायेदारों ने संपत्ति कर की अदायगी नहीं की थी। यही कारण है कि अब कुर्की की कार्रवाई की जा रही है। निगम का उद्देश्य सभी बकायेदारों से उनकी लंबित बकाया राशि प्राप्त करना है। ताकि शहर के विकास कार्यों में कोई रुकावट न आए।
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नेशनल लोक अदालत से पहले कड़ी कार्रवाई
नेशनल लोक अदालत में मामलों का निपटारा होता है। निगम का उद्देश्य है कि इससे पहले बड़े बकायेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। इस कार्रवाई को देखते हुए अन्य बकायेदारों में भी यह संदेश जाएगा कि ऐसी कार्रवाई उनपर भी हो सकती है। नगर निगम अब संपत्ति कर वसूली के मामले में बिल्कुल भी नरमी नहीं बरतेगा।
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