इंसानों के खाने लायक नहीं था घी, फिर भी हलवा बना और 250 लोग हो गए बीमार

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के मोहराई गांव में एक भंडारे में मिलावटी घी से बने हलवा खाने से 250 से ज्यादा लोग बीमार हो गए। उन्हें उल्टी और दस्त की शिकायत हुई, और सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के मोहराई गांव में गणेश उत्सव के दौरान एक भंडारे में हलवा परोसा गया। यह हलवा देसी घी से बना था, लेकिन जो घी इस्तेमाल किया गया, उसके डिब्बे पर यह स्पष्ट रूप से लिखा था कि यह इंसानों के खाने के लिए सुरक्षित नहीं है। इसके बावजूद, इस घी से हलवा बना कर 250 से ज्यादा लोगों को परोसा गया, जिसके बाद इन लोगों को उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी।

स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की जांच

जैसे ही लोगों की तबीयत बिगड़ी, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब तक 175 लोगों का इलाज किया जा चुका है, और सभी की हालत में सुधार देखा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए घी और अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। इसके अलावा, प्रशासन ने इस घटना की पूरी जानकारी ली और मिलावटी घी होने की पुष्टि की है।

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3 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी 

👉शिवपुरी जिले के मोहराई गांव में गणेश उत्सव के दौरान एक भंडारे में हलवा परोसा गया। हलवा बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया घी इंसानों के खाने के लिए सुरक्षित नहीं था, जैसा कि घी के डिब्बे पर लिखा था। 

👉हलवा खाने के बाद 250 से ज्यादा लोगों को उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी। इसके परिणामस्वरूप, सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब तक 175 लोगों का इलाज किया जा चुका है, और उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है।

👉स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घी और अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। इस घटना के बाद प्रशासन ने घी के मिलावटी होने की पुष्टि की है और मामले की जांच जारी है।

इंसानों के खाने लायक नहीं था नकली घी का हलवा

स्थानीय प्रशासन ने बताया कि जब स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तो पाया कि जिस घी का इस्तेमाल किया गया था, वह इंसानों के खाने के लिए सुरक्षित नहीं था। प्रशासन ने अब तक इस घी का सैंपल लिया है और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम अब भी गांव में निगरानी रखे हुए है।

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स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्रभावित लोगों का इलाज किया और उन्हें आवश्यक दवाइयां दीं। विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सुनिश्चित किया कि इस तरह की घटना भविष्य में न हो। सभी नकली घी का सैंपल्स की जांच की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि घी में कोई हानिकारक पदार्थ तो नहीं था।

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